कंपनी ने ग्राइंडर भेंट किया, कलाम साहब ने कीमत पता करके चेक भेज दिया
The company presented the grinder, Kalam sent the check after knowing the price.
देश के पूर्व राष्ट्रपति और साइंटिस्ट डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने लाखों ज़िन्दगियों पर अपनी छाप छोड़ी. 2015 में कलाम साहब ने दुनिया को अलविदा कह दिया था. गौरतलब है कि उनकी पूरी लाइफ़ से ही हम कुछ न कुछ सीख सकते हैं. चाहे वो करियर के प्रति डेडिकेशन हो या फिर मानवता. कलाम साहब से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया सामने आया है.
कंपनी ने भेंट किया ग्राइंडर
रिटायर्ड IAS अफसर एम.वी.राव ने कलाम साहब से जुड़ा एक किस्सा शेयर किया. एक्स (पहले ट्विटर) पर रिटायर्ड IAS राव ने एक तस्वीर शेयर की. कहते हैं कलाम साहब कभी तोहफ़े नहीं लेते थे और इसी से जुड़ा एक वाकया रिटायर्ड IAS राव ने शेयर किया.
‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ को 2014 में एक इवेंट में गए थे. इस इवेंट को ‘सौभाग्य वेट ग्राइंडर’ नामक कंपनी स्पॉन्सर कर रही थी. कलाम साहब मुख्य अतिथि थे. स्पॉन्सर ने कलाम साहब को एक तोहफ़ा दिया. कलाम साहब ने लेने से मना कर दिया. स्पॉन्सर ने फिर कहा कि ये सिर्फ़ एक ग्राइंडर है, कलाम साहब ने बहस को आगे न बढ़ाकर ग्राइंडर ले लिया.
कलाम साहब ने चुकाई ‘गिफ़्ट’ की कीमत
अगले दिन कलाम साहब ने ग्राइंडर की कीमत पता करने के लिए किसी को बाज़ार भेजा. कीमत पता करने के बाद उन्होंने अपने पर्सनल अकाउंट से कंपनी को चेक भेजा. कंपनी ने चेक को जमा नहीं करवाया. कलाम साहब भी कम ज़िद्दी थोड़ी थे, बैंक से अपडेट्स लेते रहे. जब उन्हें पता चला कि कंपनी ने चेक जमा नहीं करवाया है तब वो कंपनी के पीछे पड़ गए.
डॉ. कलाम ने कहा कि या तो कंपनी वाले पैसे लें, या फिर उन्हें ग्राइंडर वापस भेजना पड़ेगा. कलाम साहब की दृढ़ निश्चयता देखकर कंपनी ने चेक जमा कर लिया. कंपनी ने चेक की फोटो कॉपी निकलवा कर रख ली.
रिटायर्ड IAS राव के पोस्ट के मुताबिक कंपनी ने ये चेक की कॉपी आज भी संभाल कर रखी है.
लेजेंड थे कलाम साहब और ऐसे लेजेंड की लाइफ़ से हम सभी को कुछ सीखना चाहिए.