Bee keeping : मधुमक्खी पालन से बिहार का ये शख्स कर रहा है बम्पर कमाई
Bee keeping : लोग पैसे कमाने के लिए कई तरह की तरकीबें अपनाते हैं। मिडिया आपको इस बारे में भी सलाह देता रहता है। इस हफ़्ते हमने किसानों को ज़्यादा पैसे कमाने और नई प्रेरणा पाने में मदद करने के लिए एक शानदार कहानी (Fabulous Story) पेश की है। यह आपको बहुत कुछ सिखा सकती है।
मधुमक्खी पालन: समस्तीपुर का सफलता का मंत्र (key to success)
समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर प्रखंड क्षेत्र के मिस्लेनिया गांव की कहानी इस कहानी का विषय है। यहां मधुमक्खी पालन से एक किसान मालामाल हो रहा है। 2014 में उनके एक दोस्त ने उन्हें यह आइडिया दिया था। उन्होंने इस आइडिया को आगे बढ़ाते हुए 50 बक्सों से काम करना शुरू किया।
अब उनके पास मधुमक्खियों के 250 बक्से हैं और लागत के बाद हर साल करीब 5 लाख रुपये का मुनाफा (Profit) होता है। वे मौसम के हिसाब से दूसरे राज्यों में भी मधुमक्खी पालक का काम करते हैं। अब वे अपने समुदाय में ही काम करते हैं। लेकिन वे जल्द ही झारखंड जाने का इरादा रखते हैं।
कुछ सालों में उन्होंने लगन और मेहनत से एक बड़ी कंपनी खड़ी कर ली और अब वे दो लोगों को काम पर रख रहे हैं। तैयार शहद को स्थानीय एजेंसी को बेचने में उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई।
श्रीराम की मधुमक्खी की कहानी (The story of Shri Ram’s bee)
मधुमक्खीपालक श्रीराम सिंह ने मीडिया को बताया कि गांव के ही एक दोस्त ने उन्हें मधुमक्खी पालन शुरू करने का आइडिया दिया। उन्होंने 50 बक्सों से शुरुआत की और पहले और दूसरे साल में सफल रहे। आगे की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इसे बढ़ाकर 250 बक्सों तक कर दिया। सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि मधुमक्खी पालन एक लाभदायक व्यवसाय है और किसी व्यक्ति के नुकसान का उस पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। अनुकूल मौसम में, उन्होंने गणना की कि 250 बक्सों से संभावित राजस्व ₹8 लाख तक पहुंच सकता है, जिससे औसत वार्षिक आय (Average annual income) ₹5 लाख तक हो सकती है।