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Sugarcane cultivation: किसान ने नौकरी छोड़ इस विधि से शुरू की गन्ने की खेती, सालाना होती है 8 लाख की कमाई

Sugarcane cultivation: उत्तर प्रदेश के बागपत का एक युवा किसान इन दिनों जैविक गन्ना उगाकर पांच अलग-अलग तरह के गुड़ बना रहा है। दिल्ली एनसीआर में गुड़ की बहुत जरूरत है। नतीजतन, किसान अच्छी खासी कमाई भी कर रहा है। किसान मूंगफली, तिल और सूखे मेवों का इस्तेमाल करके बढ़िया गुड़ बना रहा है। बागपत का यह किसान दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा बन रहा है और प्राकृतिक रूप से उत्पादित इस गुड़ से लाखों डॉलर कमा रहा है।

Sugarcane cultivation
Sugarcane cultivation

नौकरी छोड़कर गन्ने की खेती शुरू की

सुन्हेड़ा गांव के किसान विजय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि एमबीए करने के बाद वह दिल्ली में नौकरी करता था। जहां उसे पहले सालाना 6 लाख रुपये का पैकेज मिलता था। लेकिन, दूसरों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते देखकर और खुद की सेहत खराब होने का एहसास होने के बाद उसने अलग तरीका अपनाने का फैसला किया। वह अपने गृहनगर गया और जैविक तरीके से गन्ना उत्पादन शुरू किया। अब वह गन्ने से गुड़ बनाता है और उसे बाजार में बेचता है। इस नौकरी से लोगों को बेहतर स्वास्थ्य के साथ-साथ अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है।

कंपनी ने परिवार में खुशियां भी भर दी हैं।

खेत में एक छोटी गन्ना मिल है। किसान विजय के अनुसार, वे दस बीघा जैविक गन्ने से गुड़ बनाते हैं, जिसे बाद में उनके खेत में स्थित एक छोटी मिल में प्रोसेस किया जाता है। बाजार में उचित दामों पर गन्ने का गुड़ आसानी से मिल जाता है। बाजार में गुड़ की कीमत 100 से 200 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है। किसान विजय सिंह के अनुसार, गन्ने की खेती से हर साल करीब 8 लाख रुपये की आय होती है।

Sugarcane कैसे बनता है?

किसान विजय के अनुसार, खेत से गन्ना काटकर छोटी गन्ना मिल में ले जाया जाता है। जहां गन्ने को पीसकर धीरे-धीरे भट्टी में गर्म करके गुड़ बनाया जाता है। इस गुड़ में किसी भी तरह का कोई रसायन नहीं होता है। तैयार गुड़ की चाशनी में सूखे मेवे, मूंगफली, तिल और अन्य सामग्री डाली जाती है। इससे कई तरह के गुड़ बनाए जाते हैं। इस गुड़ का अलग-अलग स्वाद हर उम्र के लोगों को पसंद आता है।

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