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Success Story: इस किसान ने मेहनत और लगन से मूली की खेती कर बनाई अपनी नई पहचान

Success Story: अगर इंसान मेहनत करे, लगन से काम करे और प्रकृति का सम्मान (Respect For Nature) करे तो वह किसी भी चुनौती से पार पा सकता है। किसान दिलीप कुमार पटेल की कहानी से देश भर के लाखों किसान सीख लेते हैं। दिलीप पटेल पिछले 25 से 30 सालों से खेती से जुड़े हैं और वह अपने परिवार के साथ उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र के सजोई गांव में खेती करते हैं। 52 वर्षीय किसान ने कक्षा 8 तक की शिक्षा ली है, लेकिन अपनी मेहनत की बदौलत वह अब हजारों रुपये कमा रहे हैं।

Success story
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किसान दिलीप कुमार पटेल की सफलता की पूरी कहानी जानें

इन फसलों की करते हैं खेती

किसान दिलीप कुमार पटेल ने मीडिया को बताया कि वह एक पारिवारिक व्यवसाय (Family Business) के रूप में खेती करते आ रहे हैं। वह पहले अपने पिता के साथ काम करते थे और अब उनके बच्चे भी खेती में उनका हाथ बंटाते हैं। उन्होंने बताया कि वह करीब पच्चीस से तीस सालों से खेती कर रहे हैं। दिलीप कुमार पटेल एक किसान हैं जो मूली, मटर, टमाटर और खीरा (Radish, Peas, Tomato and Cucumber) उगाते हैं। किसान सात बीघा जमीन पर सब्जियां उगाते हैं। उन्होंने दावा किया कि वे लंबे समय से कई तरह की मूली उगा रहे हैं और ऐसा करके सम्मानजनक जीवनयापन कर रहे हैं।

सोमानी क्रॉस एक्स-35 मूली की खेती

किसान ने मीडिया से कहा कि वे ज्यादातर मूली उगाते हैं और इसकी कई किस्में लगाते हैं। किसान Somani Cross X-35 Radish और कांटेदार पत्ती वाली मूली उगाते हैं। पिछले तीन सालों से सोमानी सीड्स से क्रॉस एक्स-35 मूली की किस्म उगा रहे किसान दिलीप कुमार पटेल के अनुसार यह एक बेहतरीन किस्म है। अन्य मूली की तुलना में इस मूली को पकने में 30 से 32 दिन लगते हैं और इसमें बीमारी की आशंका कम होती है। इस मूली की जड़ें सीधी होती हैं और यह आम मूली की तुलना में अधिक सफेद होती है। Cross X-35 की खेती से किसान को अच्छी उपज मिलती है, जिससे उसे उचित बाजार मूल्य मिल जाता है।

कैसे होती है मार्केटिंग?

किसान के अनुसार, वे मूली की फसल को सीधे बनारस के बाजार में बेचते हैं। कई बार गाजीपुर और आजमगढ़ के डीलर मूली को बिना साफ किए सीधे खेत से चुराकर ले जाते हैं। किसान के मुताबिक, वह साल में करीब तीन बार मूली उगाते हैं।

खेती की तकनीक

किसान दिलीप कुमार पटेल ने बताया कि वह हमेशा नई कृषि पद्धतियां आजमाते हैं और दूसरे किसानों से सलाह लेकर ऐसा करते हैं। हालांकि वह रासायनिक और जैविक (Chemical and Biological) दोनों तरह की तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वह खेती के लिए ज्यादातर रासायनिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। किसान ने अपने परिवार के खाने के लिए भैंसा भी पाला है।

लाभ और लागत

मीडिया से बातचीत में किसान दिलीप कुमार पटेल ने बताया कि मूली उगाने की लागत पर मौसम का भी असर पड़ता है। कभी कीमत कम होती है तो कभी ज्यादा। मूली उगाने में एक बीघा पच्चीस से तीस हजार रुपये का खर्च आता है। लाभ पर चर्चा करते हुए किसान ने बताया कि यह बाजार भाव (Market Price) और मौसम पर भी निर्भर करता है; कभी बाजार भाव ठीक-ठाक मिलता है तो कभी कम। उन्होंने बताया कि मूली उगाने से एक बीघा 70 हजार से एक लाख रुपये तक की कमाई होती है।

कठिनाइयों का सामना करना

एक दूरदर्शी किसान दिलीप कुमार पटेल के अनुसार, मौसम सब्ज़ियाँ उगाने (Growing Vegetables) में सबसे बड़ी बाधा है। मौसम में बदलाव और भारी बारिश के कारण फसल खराब होने लगती है। इसके अलावा, अगर मूली की फसल में कीड़े या कोई बीमारी लग जाए तो उसे बहुत नुकसान होता है, जिससे उपज कम होती है और आय भी बहुत कम होती है।

किसानों के लिए एक नोट

मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में, दिलीप कुमार पटेल ने सुझाव दिया कि किसान मूली उगाएँ। चूँकि मूली उगाने से अन्य फसलों की तुलना में अधिक लाभ होता है, इसलिए आय विकास (Income Development) की संभावनाएँ अधिक हैं। उनके अनुसार, किसान साल में लगभग तीन बार मूली लगा सकते हैं और अगर वे इसकी सही तरीके से खेती करें तो अच्छा-खासा लाभ कमा सकते हैं।

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