Success story of flute player: छपरा के रहने वाले पप्पू कुमार ने बाँसुरी को चुना अपना व्यवसाय, हो रही है धन की कमाई
Success story of flute player: कोई भी कला बेकार नहीं मानी जाती, बस उसे सही तरीके से पेश करने की जरूरत होती है। आज बांसुरी बजाने का हुनर कम आय वाले घरों में भी कारगर साबित हो रहा है। बांसुरी की मधुर धुन सुनकर युवा ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग भी दीवाने हो रहे हैं। चूंकि बांसुरी श्री कृष्ण का सबसे प्रिय वाद्य यंत्र है। बांसुरी (flute) की मधुर ध्वनि हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। आज हम एक ऐसे बांसुरी वादक की चर्चा कर रहे हैं, जिसका पूरा परिवार अब अपनी आजीविका के लिए बांसुरी की मधुर ध्वनि पर निर्भर है।
बांसुरी (flute) को अपना करियर बनाया
बिहार (BIHAR) के छपरा के विसकारी टोला निवासी पप्पू कुमार एक बेहद गरीब परिवार में जन्मे हैं। उनके पिता कड़ी मेहनत करके घर में सूखा खाना लाते थे। परिवार की हालत इतनी खराब थी कि पढ़ाई करना नामुमकिन था। पहले जमीन-जायदाद नहीं थी। बांसुरी के जरिए ताजा और क्लासिक संगीत बजाना हर किसी को रोमांचित करता है, यहां तक कि पप्पू को भी।
दोस्त ने उनका इस तरह साथ दिया
पप्पू कुमार ने बताया कि जब उनके पिता बीमार हुए तो उन्हें जो खाना मिलता था, उसमें भी चोरियाँ होने लगीं। इस दौरान उनके एक परिचित गुब्बारे और बांसुरी बेचते थे। उन्होंने पप्पू को बांसुरी बजाना सिखाया, फिर उन्होंने बलिया की बागी गलियों में बांसुरी और गुब्बारे बेचना शुरू कर दिया।
बांसुरी की धुन धन कमा रही है।
अपनी मधुर आवाज से बांसुरी बेचने वाले पप्पू घर में बैठे बच्चों को अपने पास बुलाते हैं। बांसुरी की आवाज कानों में पड़ते ही बच्चे समझ जाते हैं कि बांसुरी और गुब्बारे वाला आ गया है और अपने माता-पिता से बांसुरी और गुब्बारे खरीदने का अनुरोध करने लगते हैं। इसी से उनका परिवार गुजर-बसर कर रहा है।