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Success Story: फर्रुखाबाद की मिथिलेश अपने खेतों में धान की फसल उगा कर कमा रही हैं बम्पर मुनाफा

Success Story: परिस्थितियों के बदलने के साथ ही जिले की महिलाएं अब पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के साथ-साथ घरेलू कामों को भी सफलतापूर्वक संभाल रही हैं। इस समय जिले की अग्रणी महिला किसान मिथिलेश अपने खेतों में नकदी धान की फसल उगाकर पैसे कमा रही हैं।

Success story
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नए प्रयोग और बढ़ा मुनाफा

फर्रुखाबाद के किसान हमेशा नई कृषि तकनीक आजमाने के लिए उत्सुक रहते हैं। परंपरागत खेती के अलावा किसान नकदी फसलों पर भी अधिक ध्यान दे रहे हैं, जिससे आय के नए स्रोत खुल रहे हैं। यहां के किसान इस समय खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं। वे अपने खेतों में चावल की खेती कर उचित लागत पर अच्छी कमाई कर रहे हैं। दो हजार रुपये प्रति बीघा की कीमत है। वहीं, तोरई की खेती करने वालों का दावा है कि चूंकि वे कई दशकों से लगातार इस फसल की खेती कर रहे हैं, इसलिए उन्हें कभी नुकसान नहीं हुआ और उन्होंने लाखों रुपये कमाए हैं।

मिथिलेश की Success Story

प्रगतिशील महिला किसान मिथिलेश के अनुसार, वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से आती हैं और बचपन से ही खेती कर रही हैं। वह खेती से आराम से अपना जीवन यापन कर रही हैं। उनका दावा है कि अब तक इस फसल से उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ है, बल्कि लागत से आठ गुना अधिक मुनाफा हुआ है। आमतौर पर एक बीघा की लागत दो से तीन हजार रुपये के बीच होती है। जब फसल पक जाती है, तो सबसे पहले धान बेचा जाता है और फिर जो पौधे निकलते हैं, उनका उपयोग जैविक खाद और चारा बनाने के लिए किया जाता है।

कृषि तकनीक

किसान की पत्नी ने बताया कि वह सबसे पहले जमीन को अच्छी तरह से समतल करती हैं और वहां क्यारियां बनाती हैं। इसके बाद हर मीटर पर पांच पौधे लगाए जाते हैं। इसके बाद तय समय पर सिंचाई की जाती है। इसके बाद पौधे बढ़ने लगते हैं और उन्हें बार-बार पानी दिया जाता है। यह धान नब्बे दिन में पक जाता है, जिसके बाद इसे काटा जाता है, पौधे से अलग किया जाता है और बाजार में बेचा जाता है। इसके बाद वह इसे पौधों से अलग करके खेत में हरी खाद के रूप में डालती हैं। इन पौधों का उपयोग कुछ किसान पशुओं के चारे के रूप में भी करते हैं।

महिला किसान का संकल्प

महिला किसान मिथिलेश के अनुसार, वह पिछले चार सालों से लगातार खेती कर रही हैं। उनका दावा है कि उनके पति खेतों में काम करने में असमर्थ हैं, इसलिए उन्होंने घर की देखभाल के साथ-साथ खेती को भी एक साइड जॉब के तौर पर अपना लिया है। अब उन्होंने अपने खेतों में धान की फसल लगाई है। अब वह खेतों की सिंचाई और खाद की जरूरतों को पूरा कर रही हैं। इसके अलावा वह खेती से जुड़े सारे काम भी अकेले ही करती हैं।

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