Success Story: नींबू-मिर्ची का बिजनेस छोड़ बेंचने लगे चाय, अब हासिल किया यह मुकाम
Success Story: आज हम आपको छपरा के चाय विक्रेता अशोक कुमार की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने चाय उद्योग में अपना नाम ऊंचा किया है। अशोक वैसे तो पटना के कंकड़बाग में रहते हैं, लेकिन उनकी ससुराल छपरा के चंवरा में है। एक बार वे अपने परिवार के साथ ससुराल आए और कुछ समय के लिए वहीं रुके। इसके बाद उनकी पत्नी ने उन्हें काम करने की सलाह दी। इसके बाद अशोक ने शहर भर में मिर्च और नींबू टांगने का काम शुरू कर दिया। एक रुपये में वे पहले दुकान-दुकान कागज के नींबू और मिर्च टांगते थे।
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लेकिन, दुकानों ने उनका पैसा रोक लिया। उनका अनुमान है कि करीब डेढ़ लाख रुपये बकाया हैं। इस परिस्थिति से वे मानसिक रूप से परेशान हो गए और इधर-उधर भटकने लगे। पत्नी से इलाज कराने के बाद वे छपरा शहर लौट आए। एक दिन सरदार जी के साथ चाय पीते हुए उनके मन में चाय का कारोबार शुरू करने का विचार आया। नींबू वाली चाय बेचने के बाद उनके घर की स्थिति सुधरने लगी।
अब वे रोजाना 300 कप से ज्यादा चाय बेचते हैं।
अशोक कुमार ने अखबार को बताया कि पहले वह दुकान-दुकान जाकर नींबू-मिर्च टांगते थे, लेकिन लोग उन्हें पैसे नहीं देते थे, इस तरह उनका कर्ज डेढ़ लाख रुपए हो गया। हालांकि परिवार चलाना मुश्किल हो गया था, लेकिन उनके रिश्तेदार और आस-पास के लोग मदद करते थे। उन्होंने अपने पांच बच्चों की पढ़ाई और शादी का खर्च उठाने के लिए नींबू की चाय बेची।
अब उनके पास सोनार पट्टी इलाके में एक प्लॉट भी है। उन्होंने बताया कि अब वह शादी-ब्याह और अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में चाय और कटलरी किराए पर देकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। शादी के बाद सभी बच्चे पैसे कमाने लगे हैं। उन्होंने बताया कि अब वह सड़कों पर खुशी-खुशी घूमते हैं और रोजाना 300 कप से ज्यादा चाय बेचते हैं, जो उनके खर्चों को पूरा करने के लिए काफी है।