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Success Story: बड़े-बड़े कारोबारियों को फेल कर रही है फूल बेंचने वाली हेमा मालिनी, कमाती हैं तगड़ा मुनाफा

Success Story: हेमा मालिनी दस साल से एमपी के इस बाजार में flower बेच रही हैं और हर किसी को फूलों की खुशबू से सराबोर कर रही हैं। दस साल से पति-पत्नी खंडवा में बंगलूर से आयातित मोगरा के फूल बेचने आते हैं। तोरण के इंदिरा चौक पर वे सड़क के किनारे कई तरह के फूल बेच रहे हैं, जो घरों को सजाने के लिए बेचने वाली दुकानों से कम पैसे में बिक रहे हैं। उनका नाम बहुत ही अनोखा है, जिसे सुनकर लोग खुश हो जाते हैं।

Success story
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उनका असली नाम हेमा मालिनी है, जो बॉलीवुड क्वीन के नाम से मशहूर हैं और अब वे कर्नाटक के बंगलूर में रहती हैं, लेकिन वे दस साल से हर दिवाली पर खंडवा में हेमा मालिनी स्टोर खोल रही हैं। इसमें उनके पति भी उनका साथ देते हैं। उनका काम बंगलूर से मोगरा के फूलों की माला, तोरण, मोगरा पेंडेंट, पिक्चर नेकलेस, झूमर और इलास्टिक फैब्रिक से बनी फूलों की माला समेत कई अन्य सामान बेचना है।

कई राज्यों में स्टोर हैं।

दुकान की मालकिन हेमा मालिनी ने बताया कि वे खंडवा में लंबे समय से दुकान खोल रही हैं और उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु समेत अन्य भारतीय राज्यों में भी दुकान खोलती हैं। वे त्योहारों के दौरान कई शहरों में भी दुकान खोलती हैं। वे हर राज्य की भाषा बोलती हैं और यह व्यवसाय उनकी आय का मुख्य स्रोत है। उन्होंने कम शिक्षा के बावजूद अपना व्यवसाय शुरू करते हुए सभी भाषाओं को सीखा है। वे हिंदी भी बोल सकती हैं। वे कई राज्यों में विभिन्न मौसमों में त्योहारों के दौरान अपनी दुकान खोलती हैं। उनके परिवार के सदस्य भी खंडवा आ चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने कई स्थानों पर दुकानें खोली हैं।

Success Story: हेमा मालिनी नाम किसने दिया

दिवाली, दशहरा, राखी और कई अन्य छुट्टियों के दौरान वे अन्य शहरों में भी दुकान खोलती हैं। उनका दावा है कि दुकानों में मोगरा के फूलों की यह माला बहुत महंगी पड़ती है, लेकिन हम इसे कम कीमत पर उपलब्ध कराते हैं और यह धोने योग्य भी है, यानी जब चाहें इसे उतारकर साफ कर सकते हैं। साथ ही, इसका रंग भी फीका नहीं पड़ता। मीडिया से बातचीत में यह सवाल भी उठाया गया कि आपको हेमा मालिनी नाम किसने दिया। उन्होंने जवाब दिया कि मेरे परिवार ने मुझे बचपन में ही यह नाम दे दिया था। बचपन से ही मेरे माता-पिता मुझे इसी नाम से बुलाते हैं और मेरे पति भी यही नाम रखते हैं।

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