Stubble fertilizer: खेतों में बम्पर पैदावार के लिए पराली से बनाएं ये खाद, मिर्जापुर के किसान से जानें विधि
Stubble fertilizer: कृषि उपज बढ़ाने के लिए किसान अब रासायनिक खादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहीं, धान की फसल तैयार होने के बाद खेतों में पराली (Stubble) जला देते हैं। इससे खेतों की उर्वरता प्रभावित हो रही है और खेत भी बंजर हो रहे हैं। सरकार किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित कर रही है। साथ ही, कृषि विभाग किसानों को पराली को खाद बनाने की जानकारी दे रहा है। पराली से खाद बनाने वाले योगेंद्र कुमार नामक किसान ने पत्रकारों को बताया कि उन्हें जैविक खेती का आठ साल का अनुभव है।
वे पराली (Stubble) के अवशेषों के प्रबंधन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। किसान अपने खेतों में अक्सर पराली जला देते हैं। इससे किसानों को काफी नुकसान होता है। हर बार पराली जलाने से उसके नीचे मौजूद सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं और धरती भी बंजर हो जाती है। किसान चाहे जितनी भी खाद डालें, पराली जलाने के बाद उपज नहीं मिलती।
पराली (Stubble) की खाद के लिए डीकंपोजर का करें इस्तेमाल
योगेंद्र के मुताबिक, कृषि विभाग का डीकंपोजर अनूठा है। यह बैक्टीरिया स्थानीय गाय के गोबर से बनाया गया है। फसलों के अवशेषों पर इसका छिड़काव किया जाता है। पराली में कार्बन होता है। खेतों में कार्बन की मात्रा अब कम हो गई है। एक प्रतिशत की जगह अब यह मात्र 0.25 प्रतिशत रह गई है। इसका असर पैदावार पर पड़ रहा है।
इन चीजों का करें इस्तेमाल
उन्होंने बताया कि 2 किलो सरसों की खली को 200 लीटर कूड़े की खाद में मिलाकर तीन दिन बाद गोबर या पराली के ढेर पर छिड़काव करें। इसके बाद पराली को तोड़कर गोबर की खाद में मिला दें। 40 दिन में खाद मिल जाएगी। इसकी खासियत यह है कि इससे मिट्टी को नुकसान नहीं होगा और बैक्टीरिया की संख्या भी बढ़ेगी।