Red Saag Cultivation: किसानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकती है लाल साग की खेती
Red Saag Cultivation: अररिया क्षेत्र के किसान परंपरागत खेती से हटकर नई पद्धति से फसल उगाने की ओर ध्यान देने लगे हैं। समय के साथ-साथ किसानों को यह समझ में आ रहा है कि परंपरागत फसलों पर निर्भर रहना ही मुनाफा कमाने के लिए काफी नहीं है। नतीजतन, किसान लाल साग, लौकी, कद्दू, खीरा, झींगा, टमाटर, फूलगोभी और बैगन जैसी सब्जियों के उत्पादन को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन फसलों की बाजार में बढ़ती मांग के कारण उनकी आय के साथ-साथ आय भी बढ़ रही है।
नई दिशा प्रदान कर रही है लाल साग की खेती
अररिया जिले के भरगामा प्रखंड के सिरसिया गांव के किसान मोहम्मद रज्जाक ने लाल साग की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार किया है। मोहम्मद रज्जाक ने अपने एक बीघे में लाल साग की खेती की है। उन्होंने बताया कि 25 से 30 दिन में लाल साग की फसल पककर तैयार हो जाएगी, जिससे उन्हें अच्छा खासा मुनाफा होगा। बाजार में इसकी मांग अधिक होने के कारण लाल साग की खेती से न केवल उनकी आय बढ़ी है, बल्कि यह उनके लिए एक आकर्षक व्यवसाय भी बन गया है।
सेहत और मुनाफे दोनों के लिए फायदेमंद
लाल साग को प्रोटीन की उच्च मात्रा के कारण असाधारण रूप से स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। डॉक्टर इसे खाने की सलाह देते हैं, इसलिए बाजार में इसकी मांग कभी कम नहीं होती। मोहम्मद रज्जाक के अनुसार, फोर्ब्सगंज और अररिया के बाजारों में लाल साग की अच्छी खासी मांग है। लेकिन कभी-कभी इसकी सीमित आपूर्ति के कारण इसकी कीमत और भी अधिक हो जाती है, जिससे किसान अधिक पैसा कमा सकते हैं।
कम समय में अधिक पैसा
मोहम्मद रज्जाक के अनुभव के अनुसार, लाल साग की खेती से किसानों को बहुत लाभ हो सकता है। एक बीघा जमीन पर केवल एक महीने में ही लाल साग की अच्छी फसल मिल सकती है, जिससे किसान जल्दी ही अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इस खेती से किसान लाखों रुपये कमा सकते हैं।