Karela Farming: यूपी के इस किसान ने करेले की खेती कर बनाई अपनी नई पहचान, की ताबड़तोड़ कमाई
Karela Farming: उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों का एक बड़ा हिस्सा सब्जी उगाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। स्थानीय किसान सब्जियां उगाना पसंद करते हैं। सहारनपुर की सब्जियां कई राज्यों के बाजारों (Markets) में मिल सकती हैं। सहारनपुर कई कारणों से प्रसिद्ध है। सहारनपुर क्षेत्र में करेला एक लोकप्रिय सब्जी है। यहां हर किसान करेला उगाता है।

पंजाब और चंडीगढ़ में भी करेले की मांग
सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारन विधानसभा क्षेत्र में धारकी गांव आता है। इस गांव के सभी किसान करेला उगाना पसंद करते हैं। यहां कई तरह के करेले उगाए जाते हैं। चंडीगढ़, पंजाब, देहरादून, दिल्ली, हिमाचल और सहारनपुर की मंडियों में इस करेले की खूब बिक्री होती है।
बाजार के ग्राहक जब यह जानते हैं कि यह करेला सहारनपुर के धारकी गांव से आया है तो वे सबसे पहले इसे खरीदना पसंद करते हैं। साथ ही, इसे खरीदने में अन्य करेलों की तुलना में अधिक खर्च भी आता है। आपको बता दें कि सहारनपुर क्षेत्र में कई तरह की सब्जियां होती हैं। क्योंकि कहा जाता है कि इस इलाके में सभी सब्जियां अच्छी तरह उगती हैं।
करेला किसानों के लिए एक आकर्षक फसल
सहारनपुर के किसान भी करेला उगाना पसंद करते हैं। नतीजतन, सहारनपुर के धारकी गांव का करेला हर जगह खाया जाता है। इस बीच, करेले की खेती भी किसानों के लिए अच्छा मुनाफा लेकर आ रही है। उनका दावा है कि करेले की खेती (Bitter Gourd Cultivation) सस्ती है। साथ ही, किसान इसे उगाकर खूब पैसा भी कमा रहे हैं। जब यह तैयार हो जाता है, तो हर तीन महीने में किसान खूब पैसा कमाते हैं।
चालीस साल से किसान कर रहे हैं खेती
मीडिया के मुताबिक, धारकी गांव के किसान अंग्रेज पाल करीब साठ साल के हैं। उन्होंने करीब 40 साल करेला उगाने में बिताए हैं। इस गांव में करेला बेशक हर किसान उगाता है। गांव के किसान भी करेले की खेती करके खूब पैसा कमाते हैं।
करेला उगाने के लिए यह शहर मशहूर
किसान के मुताबिक, एक किलो करेले की कीमत (Price of Bitter Gourd) 15 से 20 रुपये के बीच है। इसके अलावा, गांव में हर दिन करीब 20 गाड़ी करेले की पैदावार होती है। अभी तक करेले के फूल खिले हुए हैं। इस बीघा में किसान 20 क्विंटल करेला उगाते हैं। इस फसल से किसानों को अच्छी खासी कमाई होती है। इसलिए इस टोले में करेला उगाना भी एक जाना-माना काम है।