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Cultivation of Arvi: इस सब्जी की खेती से किसान ने चमकाई अपनी किस्मत

Barabanki: भारत में कुछ सब्जियों की हमेशा मांग रहती है। ऐसे में किसानों को आर्थिक लाभ (Economic Benefits) भी होता है। दरअसल, हम अरवी की बागवानी (Gardening of arvi) की बात कर रहे हैं। इसे उगाने के लिए बहुत ज्यादा पैसे या किसी खास तकनीक की जरूरत नहीं होती। इसकी खेती करने वाले किसान इससे बहुत अच्छी कमाई कर सकते हैं। क्योंकि पिछले सीजन (Last Season) के मुकाबले इन दिनों अरवी के दाम अच्छे हैं।

Cultivation of arvi

इस बीच, जिले का एक किसान (Farmer) अरवी की खेती कर हजारों रुपये का मुनाफा कमा रहा है। बाराबंकी जिले की तहसील नवाबगंज क्षेत्र के बेहरा गांव के युवा किसान चमन मिश्रा (Chaman Mishra) ने दो बिस्वा जमीन पर अरवी की खेती शुरू की, जिससे उनकी अच्छी खासी कमाई हो गई। अब वे करीब दो बीघा में अरवी की खेती कर रहे हैं। इस खेती से उन्हें दो से ढाई लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है।

खेती से अनदेखा मुनाफा (Untold profits from farming)

अरवी उगाने वाले किसान चमन मिश्रा ने बताया, “हम गेहूं, धान और दूसरी फसलें उगाते (Growing wheat, rice and other crops) हैं, लेकिन इनसे उतना पैसा नहीं मिलता जितना सब्जियों से मिलता है।” अरवी की खेती शुरू किए करीब दो साल हो गए हैं। जिससे हमें अच्छा खासा मुनाफा (Substantial profit) हुआ है। हम इन दिनों करीब दो से ढाई बीघा में अरवी उगा रहे हैं। जबकि इससे दो से ढाई लाख रुपये की आमदनी होती है और खर्च करीब दस से बारह हजार रुपये प्रति बीघा आता है। क्योंकि अरवी उन सब्जियों में से एक है जिसकी बाजार में लगातार मांग रहती है। अरवी की कीमत अभी 70 से 80 रुपये है। अगर यही दर रही तो मुनाफा काफी ज्यादा हो सकता है।

आसान तरीके से उगाएं अरवी (Grow arvi in ​​an easy way)

इसकी खेती करना काफी आसान है। हम जमीन को समतल करके दो-तीन बार जुताई करते हैं। इसके बाद एक फुट की दूरी पर अरवी बोते हैं। 15 से 20 दिन बाद पौधा निकल आता है। फिर उसमें पानी डाला जाता है। इसके बाद पौधे को मिट्टी (Soil to plant) मिलती है, जिससे अरवी की अच्छी पैदावार (Yield) होती है। इसके साथ ही, अरवी की फसल को मात्र 4 महीने लगाने के बाद ही फसल आनी शुरू हो जाती है, जिसे हम बाजारों में बेच (Sell in markets) सकते हैं।

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