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Crop Insurance Scheme: फसल पर पड़ी आवारा पशु की मार, तो किसान उठायें इस योजना का लाभ

Crop Insurance Scheme: किसान के लिए फसल ही सबकुछ होती है और जब धरती का लाल उसे अपने खेत में लगाता है तो उसे फसल के नष्ट होने का उतना ही उत्साह होता है, जितना फसल के नष्ट होने का। फसल को कभी जानवरों से तो कभी मौसम के बदलाव से नुकसान पहुंचने के कारण किसान को अपनी मेहनत का पूरा मुआवजा नहीं मिल पाता। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जीएल कुमावत के अनुसार जिले का फसल बीमा कृषि बीमा (Crop Insurance Scheme) कंपनी द्वारा किया जा सकता है।

Crop Insurance Scheme
Crop Insurance Scheme

इसबगोल के लिए पांच प्रतिशत और अन्य फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत बीमा प्रीमियम राशि निर्धारित की गई है। शेष प्रीमियम को कवर करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार सब्सिडी देगी। यहां पूरी जानकारी दी गई है। कृषि विस्तार के संयुक्त निदेशक जीएल कुमावत के अनुसार मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत आंवला, बैगन, फूलगोभी, लहसुन, अमरूद, नींबू, आम और टमाटर को भी कवर किया जा सकता है।

इस योजना का लाभ किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने वाले किसानों को तुरंत मिलेगा। इस कार्यक्रम से हटने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड के जो सदस्य भाग नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें 25 दिसंबर तक अपने बैंक में औपचारिक आवेदन जमा करना होगा। अगर किसान ने क्रेडिट कार्ड में दर्ज फसल के अलावा कोई दूसरी फसल लगाई है, तो वह 29 दिसंबर तक बैंक को इसकी जानकारी दे सकता है। इससे फसल खराब होने की स्थिति में बोई गई फसल का बीमा हो जाएगा। अगर किसान क्रेडिट कार्ड न रखने वाले किसान इस कार्यक्रम में भाग लेना चाहते हैं, तो वे फसल बीमा साइट, सीएससी और बैंक के माध्यम से बीमा करा सकते हैं।

पुरस्कार उन्नत कृषि को मिलेगा।

किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई कृषक योजना के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। आवेदन करने वाले किसानों को कृषि विभाग करीब एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देकर पुरस्कृत करता है। क्षेत्र में करीब 1500 जैविक उत्पादक हैं। इसमें केवल वही किसान शामिल होंगे, जो योग्यता पूरी करते हैं। विभाग ने किसानों से ऑफलाइन आवेदन जमा करने को कहा है। जिले में कृषि विभाग के तहत 60 से अधिक क्लस्टरों में जैविक खेती की जाती है। विभाग के अनुसार, लगभग 1000 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती की जाती है। इस पहल को, जो निर्धारित वर्ष से चल रही है, किसानों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

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