GOVERNMENT SCHEMES

Ayushman Yojana: इस योजना के 6 वर्ष पूरे होने पर राष्ट्र के 40% गरीब परिवारों को मिल रहा है फायदा

Ayushman Yojana: 23 सितंबर, 2018 को केंद्र सरकार ने आयुष्मान हिंदुस्तान पीएम जन आरोग्य योजना (Ayushman Yojana) की शुरुआत की, जिसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में हर व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। इस कार्यक्रम का लक्ष्य पूरे देश में 12 करोड़ परिवारों या 55 करोड़ व्यक्तियों को इससे जोड़ना है। यह अब दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम है।

Ayushman yojana

देश के 40% गरीब परिवारों को Ayushman Yojana का लाभ मिल रहा है।

आयुष्मान योजना के छह साल बाद, देश के चालीस प्रतिशत गरीब परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आयुष्मान योजना (Ayushman Yojana) का लाभ 70 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को देने के लिए मतदान किया है। अनुमान है कि सरकार के इस कदम से 6 करोड़ बुजुर्गों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, 9 सितंबर, 2024 तक 35.4 करोड़ आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। दिल्ली, पश्चिम बंगाल और ओडिशा को छोड़कर देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश इस कार्यक्रम के अंतर्गत आते हैं।

इस नीति के अनुसार, सरकार ने लगभग 1.08 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं और 7.79 करोड़ मरीज अस्पताल में भर्ती हुए हैं। योजना के प्रतिभागियों पर लिंग-विशिष्ट आँकड़े बताते हैं कि 3.61 करोड़ महिलाएँ अस्पताल में भर्ती हुई हैं और 49% आयुष्मान कार्ड महिलाओं को दिए गए हैं। यह कार्यक्रम देश भर के 30529 अस्पतालों में चिकित्सा सेवा प्रदान करने की अनुमति देता है, जिसमें 14366 निजी और 17063 सरकारी सुविधाएँ शामिल हैं।

 स्वास्थ्य सेवा पर खर्च की जाने वाली राशि में कमी आई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट है कि आयुष्मान योजना के परिणामस्वरूप लोगों के जेब से होने वाले चिकित्सा व्यय में 21% की कमी आई है। इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवा के परिणामस्वरूप आपातकालीन स्थिति में ऋण लेने में 8% की कमी आई है। सरकार का अनुमान है कि आयुष्मान योजना के अभाव में उपचार की लागत 1.5-2 गुना बढ़ जाती।

इस योजना के परिणामस्वरूप लोगों ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की बचत की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से अब तक 22,000 से अधिक मोतियाबिंद प्रक्रियाएं, 60,000 से अधिक हृदय बाईपास सर्जरी और विभिन्न बीमारियों का इलाज किया जा चुका है। इस कार्यक्रम ने देश के जिला अस्पतालों में पूंजी प्रवाह में काफी सुधार किया है। स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच के परिणामस्वरूप लोगों को गरीबी से बचने में भी सहायता मिल रही है।

Related Articles

Back to top button