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White onion farming: सफेद प्याज की खेती से किसानों की खुल जायेगी किस्मत, जानें इसे करने का सही तरीका

Farming of white onion will open the luck of the farmers

प्याज सबसे आम सब्जियों में से एक है जिसे हर घर में रोज इस्तेमाल किया जाता हैं. मगर बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें प्याज का स्वाद तो पसंद है लेकिन वो चाहते हैं कि प्याज का तीखापन थोड़ा कम हो जाएं. ऐसे में हम उनकी इस इच्छा को पूरा कर देते हैं.Www. Jobfairindia. Com white onion farming untitled design 24

सफेद प्याज के ढेरों फायदे

जी हां, अगली बार जब आप बाजार जाएं तो सफ़ेद प्याज खरीदें. ये बिल्कुल सामान्य प्याज की तरह दिखते हैं लेकिन रंग में सफेद होते हैं. इनका स्वाद लाल या पीले प्याज की तुलना में कम तीखा और हल्का मीठा होता है. इसके साथ ही लाल प्याज की तुलना में ये आंखों में भी कम चुभता है, यानी की इसकी गंध भी हलकी होती है.

इतना ही नहीं सफेद प्याज के अनेकों स्वास्थ्य लाभ भी हैं, जिसे आगे लेख में बतायेंगे. अपने स्वाद और स्वास्थ्य लाभों की वजह से ही इसकी मांग बाजार में अधिक रहती है और सामान्य प्याज की तुलना में यह उच्च दामों पर बिकता है. ऐसे में किसान भाई इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी खेती किसानों को सामान्य प्याज की खेती की तुलना में अधिक मुनाफा दे सकती है. तो चलिए जानते हैं इसकी खेती का सही समय और तरीका…

सफेद प्याज की खेती का तरीका

देश में सफेद रंग के प्याज की खेती ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु और कर्नाटक में की जाती है.

सफेद प्याज की खेती के लिए समय और तापमान

इसकी खेती खरीफ और रबी सीजन दोनों में की जा सकती है. इसकी फसल लगभग 100 से 120 दिनों में तैयार होती है. इसकी प्रति हेक्टेयर औसतन पौदावार 30 से 40 टन होती है. इसे 3 महीने तक भंडारित किया जा सकता है. इसकी खेती के लिए सबसे अनुकूल तापमान 20°C से लेकर 25°C के बीच होती है.

सफेद प्याज की खेती के लिए मिट्टी

सफेद प्याज की खेती के लिए 6.0 से 6.8 पीएच वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. मिट्टी अच्छी जल निकासी वाली होनी चाहिए, क्योंकि जलजमाव वाली मिट्टी में प्याज अच्छी तरह से नहीं उग पाते हैं.

सफेद प्याज की खेती में सिंचाई की भूमिका

सफेद प्याज को उगाने के लिए लगातार नमी की आवश्यकता होती है, इसलिए मिट्टी को नम रखना जरूरी है, लेकिन ध्यान रहे, जलभराव नहीं होना चाहिए. मतलब अत्यधिक पानी नहीं देना है. यानी जब भी मिट्टी की ऊपरी परत सूख जाए तो आपको सफेद प्याज के पौधों को पानी देना चाहिए.  बस उन्हें तब तक पानी दें जब तक कि मिट्टी फिर से गीली न हो जाए. हां ये सुनिश्चित करते हुए कि मिट्टी में पानी ना भरे क्योंकि अधिक पानी से पौधे सड़ भी सकते हैं.

सफेद प्याज को इतनी दूरी पर लगाएं

सफेद प्याज लगाते समय ध्यान रखने योग्य एक और आवश्यक बात यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक पौधा दूसरे से पर्याप्त दूरी पर हो. उन्हें एक-दूसरे से छह इंच की दूरी पर लगाने की सलाह दी जाती है. यदि आप अपने प्याज को पंक्तियों में लगा रहे हैं, तो आपको पंक्तियों को उचित स्थान पर रखने की भी आवश्यकता होगी. सफेद प्याज की कतारें एक-दूसरे से बारह इंच की दूरी पर होनी चाहिए.

सफेद प्याज के स्वास्थ्य लाभ

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है

स्वस्थ हृदय के लिए अच्छा माना जाता है

कुछ प्रकार के कैंसर- जैसे पेट, कोलन और फेफड़ों के कैंसर के विकास को रोकने में मदद करता है.

वजन घटाने में सहायता करता है

पाचन स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद करता है

सूजनरोधी में भी सहायक हो सकता है.

आंखों से संबंधित बीमारियों को दूर करने में मदद करता है.

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