Wheat Sowing: बम्पर पैदावार के लिए इस विधि से करें गेहूं की बुवाई
Wheat Sowing: कृषि विभाग नई कृषि तकनीक विकसित करने पर काम कर रहा है, जिससे किसानों को कम लागत में अधिक उपज प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इसके अनुसार, यह दावा किया जाता है कि जीरो टिलेज तकनीक का उपयोग करके गेहूं की बुवाई (Wheat Sowing) करने से अधिक उपज प्राप्त होगी। दरअसल, जीरो टिलेज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें मशीन के माध्यम से गेहूं की बुवाई की जाती है, जिससे कम लागत में अधिक उपज प्राप्त होती है। इस तकनीक में आपके खेतों में एक साथ खाद और गेहूं के बीज बोए जाते हैं। हालांकि, दरभंगा क्षेत्र के अधिकांश किसान अभी भी इस उन्नत कृषि तकनीक से अनभिज्ञ हैं।
जिले के हनुमाननगर प्रखंड क्षेत्र में केवल एक या दो किसान ही जीरो टिलेज खेती का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, जिले के अन्य प्रखंडों में बहुत कम किसान इस तकनीक का उपयोग करते हैं। कृषि समन्वयक के अनुसार, इस खेती को अपनाने वाले किसानों की आय में वृद्धि होगी और अच्छी उपज होगी। कृषि समन्वयक अरुण कुमार जीरो टिलेज तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहते हैं कि इस तकनीक का उपयोग करके किसान कम लागत में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
इस तकनीक में बीज को खाद के साथ मिलाना, उन्हें एक साथ व्यवस्थित करना और रोपण के अलावा जमीन की जुताई करना शामिल है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बीजों को कतारों में लगाया जाता है, जिससे पौधे को फैलने और पनपने के लिए पर्याप्त जगह मिलती है। नतीजतन, पौधे अच्छी तरह से बढ़ते हैं और अच्छी पैदावार देते हैं।
इसके अलावा, सरकार जीरो-टिलेज उपकरण के लिए subsidy भी दे रही है। सब्सिडी का इस्तेमाल करके किसान इस उपकरण को बेहद सस्ते दामों पर खरीद सकेंगे। इस उपकरण की कीमत 1 लाख 92 हजार रुपये है, लेकिन अगर सब्सिडी मिले तो किसानों को 40 हजार रुपये की बचत होगी।