Wheat sowing: किसान अगर देरी से कर रहे हैं गेहूं की बुवाई, तो एक्सपर्ट द्वारा सुझाई हुई इस किस्म का करें प्रयोग
Wheat sowing: नवंबर के पहले सप्ताह से 25 नवंबर के बीच का समय रबी की मुख्य फसल Wheat की बुआई के लिए आदर्श माना जाता है। किसान अगर इस समय गेहूं की फसल लगाते हैं तो कम लागत में उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। हालांकि, किसान अक्सर इस समय गेहूं की बुआई नहीं कर पाते हैं। कई देर से उगने वाले उन्नत किस्म के गेहूं उपलब्ध हैं, और किसान उन्हें दिसंबर में बोकर अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं। अगर किसान देर से गेहूं बो रहे हैं तो उन्हें केवल विशेषज्ञ द्वारा सुझाई गई किस्म ही बोनी चाहिए।
हालांकि नवंबर को गेहूं बोने के लिए आदर्श महीना माना जाता है, लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता ने कहा कि अगर किसान गन्ने की फसल की कटाई के बाद या किसी अन्य कारण से गेहूं बोना चाहते हैं तो उन्हें कृषि विश्वविद्यालयों या अनुसंधान केंद्रों (Agricultural universities or research centers) की सिफारिशों के आधार पर ही गेहूं की किस्मों का चयन करना चाहिए। याद रखें कि किसानों को केवल बेहतर किस्म के बीज ही बोने चाहिए ताकि दिसंबर में गेहूं बोने के बाद भी उन्हें अच्छी पैदावार मिल सके।
सबसे अच्छी पछेती गेहूं (Wheat) की किस्में
यदि आप दिसंबर में गेहूं बोना चाहते हैं तो PBW 550 किस्म, जो कम दिनों में अधिक उपज दे सकती है, आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है। इसके अलावा, डीबीडब्ल्यू 234 और डीबीडब्ल्यू 590 एसडी 17 किस्मों की बुवाई दिसंबर में की जा सकती है। किसानों के लिए, राजस्थानी गेहूं की किस्में राज 3765 और राज 3085 संभवतः बेहतर विकल्प हो सकती हैं।
जनवरी में इन गेहूं की किस्मों की बुवाई करें।
यदि किसान गन्ने की कटाई के बाद जनवरी के पहले सप्ताह में गेहूं बोना चाहते हैं तो वे चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर द्वारा विकसित गेहूं की किस्म हलना की बुवाई कर सकते हैं। किसानों को 15 दिसंबर से जनवरी के पहले सप्ताह के बीच यह विशेष रूप से मददगार लग सकती है। किसानों को इस किस्म से कम समय में भी अधिक उपज मिल सकती है।