Wheat Cultivation: गेहूं की अगेती बुवाई के लिए अपनाएं ये टिप्स
Wheat Cultivation: खरीफ की धान की कटाई के बाद मुख्य फसल गेहूं की बुआई का समय आ गया है। शाहजहांपुर जिले में रबी की फसल गेहूं की भारी मात्रा में खेती होती है। गेहूं की फसल की उत्पादकता बढ़ाने के लिए किसानों को मौसम और बुआई के समय का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उचित समय पर उचित किस्म की बुआई करके किसान कम समय में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार नवंबर में गेहूं की बुआई करनी चाहिए।
उचित समय पर गेहूं की बुआई करके किसान कम समय और कम लागत में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। गर्मी के कारण जल्दी बुआई करने पर गेहूं के पौधे अंकुरित नहीं होते हैं, जिसका सीधा असर पैदावार पर पड़ता है। उच्च गुणवत्ता वाली फसल पैदा करने के लिए किसानों को अधिक कीमत भी चुकानी पड़ती है। ऐसे में जरूरी है कि किसान उचित समय पर गेहूं की बुआई करें।
गेहूं (Wheat) की बुआई कब जल्दी करनी चाहिए?
डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार नवंबर के पहले सप्ताह से 20-25 नवंबर तक गेहूं की अगेती किस्मों की बुआई के लिए उत्तम समय माना जाता है। इस समय जब किसान गेहूं की बुआई करते हैं, तो उन्हें उचित लागत पर अच्छी पैदावार मिलती है। हैप्पी सीडर या सुपर सीडर जैसे आधुनिक कृषि उपकरणों की मदद से किसान गेहूं की बुआई भी कर सकते हैं। ये दोनों कृषि उपकरण सीधे गेहूं की बुआई करने में सक्षम हैं। इससे किसानों को गेहूं की बुआई पर होने वाले खर्च की बचत होती है और उन्हें जमीन की जुताई करने की जरूरत भी नहीं पड़ती।
उचित किस्म और तरीका चुनें।
डॉ. एनपी गुप्ता ने कहा कि किसानों के लिए गेहूं की बुआई से पहले बेहतर किस्म के बीजों का चयन करना बहुत जरूरी है। किसानों को केवल अधिकृत खुदरा विक्रेताओं से ही बीज खरीदना चाहिए और खरीद के समय रसीद लेनी चाहिए। केवल प्रमाणित बीज ही बोएं। किसानों को गेहूं की बुआई से पहले बीजों को उपचारित करना भी जरूरी है। बीजों को उपचारित करने से गेहूं की फसल में रोग कम लगते हैं और पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।