Suran Cultivation: इस सब्जी की खेती से किसान कमा सकते हैं बम्पर मुनाफा
Suran Cultivation: दरभंगा क्षेत्र में रतालू की खेती से किसान काफी संतुष्ट नजर आते हैं, क्योंकि रतालू (Suran) आम तौर पर महंगे होते हैं। किसान के अनुसार, इसकी खेती और खपत दोनों ही फायदेमंद हैं। इसकी बिक्री दरभंगा, मधुबनी और समस्तीपुर जिलों में अधिक होती है।
नतीजतन, भोज भात की चटनी और श्राद्ध में रतालू का बहुत महत्व है। नतीजतन, इसकी बिक्री के लिए ग्राहक लगातार आते-जाते रहते हैं। यह अपने बेहतरीन स्वाद और औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग रतालू की चटनी को बवासीर के लिए अच्छा मानते हैं।
रतालू (Suran) के बहुत से फायदे हैं।
स्थानीय किसान कमलेंदु झा के अनुसार, रतालू की खेती के कई फायदे हैं। रतालू हर श्राद्ध में जरूरी है, चाहे वह शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में किया जाए। नतीजतन, हमें इसे बेचने के बारे में कभी नहीं सोचना पड़ता। रतालू में कई अलग-अलग गुण होते हैं।
बवासीर से पीड़ित लोगों को रतालू का सेवन करना चाहिए।
वैष्णवों के अनुसार, यह गोमांस और मटन (Beef and Mutton) से भी ज्यादा स्वादिष्ट होता है। झामरुआ, जैसा कि हम अपनी देशी बोली में कहते हैं, एक बहुत ही बढ़िया भोजन है जिसे कई तरह से बनाया जाता है, जिसमें अचार, चोखा और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन शामिल हैं। इसकी कीमत 40 रुपये प्रति किलोग्राम है और इस बार इसे 15 कट्ठे में तैयार किया गया था। चूंकि अभी सीजन नहीं है, इसलिए इसकी कीमत 70 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है।