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Sugarcane Farming Tips: गन्ने की बुवाई से पहले कर लें बस ये काम, छूमंतर हो जाएगा रोग

Sugarcane Farming Tips: आजकल मार्च का महीना वसंतकालीन गन्ना बोने का महीना है। गन्ने की फसल में कई तरह की बीमारियाँ होती हैं, जिन्हें बीज बोते समय ही ठीक कर लेना चाहिए। गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग काफी नुकसानदेह होता है। इस बीमारी का दूसरा नाम “गन्ने का कैंसर” है। इस बीमारी का दूसरा नाम लाल सड़न रोग (Red Rot Disease) है। इस बीमारी से गन्ने की फसल को काफी नुकसान होता है। इस हानिकारक बीमारी से बचने के लिए गन्ना बोते समय उचित सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

Sugarcane farming tips
Sugarcane farming tips

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के विस्तार अधिकारी संजीव कुमार पाठक के अनुसार लाल सड़न रोग गन्ने की फसल को काफी नुकसान पहुँचाता है। इस बीमारी से बचने के लिए गन्ने की फसल बोते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। गन्ने की बुवाई (Sowing of Sugarcane) मिट्टी को शुद्ध करने के बाद ही करनी चाहिए और किसानों को रोपण के समय बीजों का उपचार करना चाहिए। इसके अलावा, लाल सड़न रोग वाली किसी भी किस्म को लगाने से बचें। ऐसी किस्म की फसल बोएँ जो लाल सड़न नामक बीमारी के प्रति प्रतिरोधी हो।

बीज उपचार की भी आवश्यकता

गन्ना बोने से पहले बीजों का उपचार करें। बीजोपचार (Seed Treatment) के लिए एक या दो गन्ने के बीज के टुकड़ों को प्रति लीटर एक ग्राम थायोफिनेट मिथाइल वाले घोल में दस मिनट तक डुबोएं। इसके बाद इस बीज को खेत में बो दें। इससे फसल फफूंद संक्रमण से सुरक्षित रहेगी। खास तौर पर लाल सड़न रोग से फसल सुरक्षित रहेगी।

गन्ना बोने से पहले करें ये उपाय

गन्ना बोते समय मिट्टी को भी उपचारित करना चाहिए। मिट्टी उपचार शुरू करने से पहले सुनिश्चित करें कि खेत पूरी तरह से तैयार हो। खेत की अच्छी तरह से जुताई हो जाने के बाद मिट्टी को नरम बनाने के लिए हल से जुताई करें। 10 किलो ट्राइकोडर्मा को 2 से 3 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद में मिलाकर खेत के चारों ओर फैला दें और आखिरी जुताई से पहले खेत को समतल करने के लिए पट्टा का इस्तेमाल करें। इसके बाद वैज्ञानिक तरीकों (Scientific Methods) से गन्ने की फसल बोई जाती है। हालांकि, अगर कोई किसान बुवाई के समय मिट्टी शोध के लिए ट्राइकोडर्मा का उपयोग करने में असमर्थ है, तो वे ट्राइकोडर्मा को सड़े हुए गोबर के साथ मिलाकर गन्ने की 40 से 45 दिन की उम्र होने और अंकुरित होने पर लाइनों की निराई करने के बाद फैला सकते हैं।

इन किस्मों को लगाएं

रोग की रोकथाम के लिए लाल सड़न रोग के प्रति संवेदनशील किस्मों को नहीं बोना चाहिए। गन्ने की किस्म कं. 0238 लाल सड़न रोग से ग्रस्त है, इसलिए इसे बिल्कुल न लगाएं। किसानों को लाल सड़न रोग प्रतिरोधी किस्मों (Red rot disease resistant varietiesको लगाना चाहिए। कोशा 13235, कोशा 18231, कोशा 14201, कोशा 15023 और कोल्ख 16202 नई किस्में हैं जिन्हें किसान लगा सकते हैं।

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