Sugarcane Farming Tips: गन्ने की खेती के लिए अपनाएं ये कमाल की विधि, होगी डेढ़ गुना तक पैदावार
Sugarcane Farming Tips: गन्ने की कटाई हो रही है। ऐसे में किसानों को गन्ने की कटाई के साथ ही पेड़ी प्रबंधन के लिए जरूरी उपाय करने चाहिए, ताकि पेड़ी की फसल अच्छी पैदावार दे सके। ध्यान देने वाली बात यह है कि एक बार कटाई के बाद गन्ने की फसल से दूसरी फसल ली जाती है, जिसे पेड़ी कहते हैं। आधुनिक तकनीक से किसान प्रति एकड़ 400-600 क्विंटल पेड़ी पैदा कर सकते हैं। पेड़ी की फसल के लिए खेत तैयार करने की जरूरत नहीं होती है और चूंकि कम बीज की जरूरत होती है और कम निराई-गुड़ाई करनी पड़ती है, इसलिए लागत 15-20 हजार प्रति एकड़ कम हो जाती है।
पेड़ी की फसल बीज वाली फसल से डेढ़ गुना ज्यादा पैदावार दे सकती है, बशर्ते उसकी सही देखभाल की जाए। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. श्री प्रकाश यादव के अनुसार, गन्ने की कटाई के बाद किसानों को पेड़ी नियंत्रण पर ध्यान देना चाहिए। क्योंकि थोड़ी सी भी देरी पेड़ी की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है। ऐसे में खेत में पहले पानी चलाएं। पानी चालू होने के बाद गन्ने के ठूंठों पर प्रति एकड़ 75 किलो यूरिया डालें। यूरिया डालने के बाद ठूंठों के बीच के क्षेत्र को हल से जोतने या कुदाल चलाने के लिए छोटे रोटावेटर का उपयोग करें।
गन्ने (Sugarcane) की पत्तियों को खेत में ही फेंक देना चाहिए।
कटाई के बाद बची हुई गन्ने की पत्तियों को खेत में ही फेंक देना चाहिए। इससे मिट्टी की सेहत बेहतर होगी। मिट्टी में ऑर्गेनिक कार्बन की मात्रा अधिक होगी। नतीजतन, किसान अच्छी पैदावार करेंगे। जब गन्ने की पत्तियां पंक्तिबद्ध हो जाएं, तो उन पर पानी चलाएं। तब तक पानी चलाएं जब तक कि पत्तियां पूरी तरह से डूब न जाएं।
इसके बाद, प्रति एकड़ 2 क्विंटल सड़ी हुई गाय के गोबर को 4 किलो ऑर्गेनो-डीकंपोजर के साथ मिलाएं, फिर इस मिश्रण को गन्ने की पत्तियों पर डालें। 30 से 35 दिनों के बाद गन्ने की पत्तियां सड़ जाएंगी और खाद बन जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि गन्ना अच्छी तरह से अंकुरित होगा। मजबूत अंकुर निकलेंगे और खेत में खरपतवार की वृद्धि कम होगी।
अंतराल को भरना भी महत्वपूर्ण है।
पत्तियों को हटाने के बाद गैप फिलिंग बहुत ज़रूरी है। दो स्टंप के बीच एक फुट से ज़्यादा जगह होने पर गैप फिलिंग की ज़रूरत होती है। डॉ. श्री प्रकाश यादव ने किसानों को सलाह दी कि वे दो या तीन आँखों वाले हिस्से को एक साथ लगाने के बजाय एक ही कली या पॉलीबैग से बना नर्सरी प्लांट लगाएँ। याद रखें कि आप जिस गैप फिलिंग प्लांट का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह 20 से 25 दिन पुराना होना चाहिए।