Strawberry Cultivation: इस फल की खेती से मात्र 3 माह में होगी तगड़ी कमाई
Strawberry Cultivation: किसान अब खेती के लिए अलग तरीका अपना रहे हैं। सब्जियां और मोटे अनाज उगाने के साथ ही किसान फलों के उत्पादन को भी बढ़ावा दे रहे हैं। फसलों के साथ-साथ किसान अपने खेतों में कई तरह के मौसमी फल और सब्जियां उगा रहे हैं, जिससे उन्हें जल्द ही अच्छी खासी आमदनी हो रही है। इन फलों में स्ट्रॉबेरी भी शामिल है, जिसे तुरंत बिक्री के लिए उपलब्ध करा दिया जाता है। किसान इसे जितना फायदेमंद पा रहे हैं, उतना ही सेहत के लिए भी।
किसान अपने काम में माहिर हैं।
बाराबंकी जिले के किसान स्ट्रॉबेरी उगाने में माहिर हैं। खर्च को देखते हुए वे अपनी खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं। वे लाखों रुपये कमाने के लिए सालों से स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। जिले के सफीपुर गांव के दूरदर्शी किसान प्रमोद वर्मा ने मल्च विधि से स्ट्रॉबेरी उगाना शुरू किया और सफलता पाई। आज वे करीब आधा एकड़ में स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। इस खेती से वे एक फसल पर दो से ढाई लाख रुपये कमा रहे हैं।
खेती से जुड़े एक किसान ने बताया
स्थानीय 18 से बातचीत में प्रगतिशील स्ट्रॉबेरी किसान प्रमोद वर्मा ने बताया कि वे करीब पांच साल से स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि स्ट्रॉबेरी की खेती सर्दियों में भी की जाती है। साथ ही इसकी मांग भी काफी है, जिससे उनकी आमदनी भी बढ़ जाती है। वे अब करीब आधा एकड़ में स्ट्रॉबेरी उगा रहे हैं। इसकी कीमत एक लाख रुपये है। जहां वे एक फसल से दो से ढाई लाख रुपये कमा लेते हैं।
खेती करते समय मल्च तकनीक का इस्तेमाल करें।
वे स्ट्रॉबेरी उगाने के लिए मल्च तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। इससे खरपतवार कम होती है। साथ ही खरपतवार भी कम निकालने पड़ते हैं। साथ ही फलों के गलने और सड़ने की चिंता भी कम होती है। जहां अच्छी कृषि उपज होती है। इस फसल की अवधि करीब तीन महीने होती है।
बाजारों में इसकी मांग काफी ज्यादा है।
किसान के मुताबिक स्ट्रॉबेरी उगाना काफी आसान है। पहले हम जमीन को दो-तीन बार अच्छी तरह जोतते हैं। इसके बाद मल्च बिछाते हैं और खेत को समतल करते हैं। फिर उसमें छेद करके थोड़ी दूरी पर स्ट्रॉबेरी के पौधे रोपते हैं। फिर उन्हें सिंचाई दी जाती है। जहाँ 60 दिनों के भीतर पौधे फल देना शुरू कर देते हैं। फिर वे फलों की कटाई करते हैं और उन्हें बाज़ारों में बेचते हैं।