Radish Cultivation: सर्दियों में करें इसकी खेती, होगा जबरदस्त मुनाफा
Radish Cultivation: राजस्थान के भरतपुर के नाडी गांव के आसपास के किसान कई सालों से पारंपरिक खेती करते आ रहे हैं। अब ज्यादातर किसान मौसम के अनुकूल खेती करते हैं। यहां साल भर हरी सब्जियां उगाई जाती हैं। हालांकि, सर्दियों में मूली उगाने से किसानों को ज्यादा फायदा होता है। इसी वजह से यहां के किसान बड़े पैमाने पर मूली उगाते हैं। यहां कुछ किसानों ने मौसम के हिसाब से प्याज और मूली (Radish) उगाकर अपनी अलग पहचान बनाई है।
कई सालों से मूली (Radish) उगा रहे हैं किसान
किसान राकेश ने पत्रकारों को बताया कि परिवार के सदस्य तीन पीढ़ियों से इसकी खेती कर रहे हैं। यहां की मिट्टी उपजाऊ होने के कारण यहां खास तौर पर उगाई जाने वाली मूली की अपनी एक अलग पहचान है। पशुओं के मल से बनी स्थानीय खाद की मदद से इस तरह से मूली की उर्वरता बनाए रखी जाती है। इसके अलावा मूली उगाते समय कई बातों का ध्यान रखा जाता है, जिसमें समय पर पानी और दवा देना शामिल है। यही वजह है कि मूली (Radish) की फसल इतनी तेजी से बढ़ती है। हर साल नवंबर से फरवरी तक मूली उगाई जाती है। मौसमी रूप से उगाई जाने वाली, कुरकुरी, ताजी मूली पूरे क्षेत्र में खूब बिकती है।
20 रुपये तक पहुंच सकती है एक किलोग्राम मूली की कीमत
स्थानीय 18 से बात करने वाले किसान राकेश के अनुसार, इस क्षेत्र का हर किसान सब्ज़ियाँ उगाता है। इस क्षेत्र के किसानों के लिए खेती से ज़्यादा परिवार की आजीविका महत्वपूर्ण है। किसानों के अनुसार, मूली उगाने में ज़्यादा खर्च नहीं आता और एक ही मौसम में अच्छी कमाई होती है। इसके अलावा, कई बार फसल खराब हो जाती है, जिससे कई बार काफ़ी नुकसान होता है।
यहाँ के किसानों को अपने पूर्वजों से फसल की देखभाल, परिश्रम और विशेषज्ञता विरासत में मिली है, साथ ही पानी और दवा का सही समय पर इस्तेमाल भी। उनके अनुसार, अगर सही समय पर बोया जाए और उसकी देखभाल की जाए, तो मूली की मात्रा और गुणवत्ता बहुत अच्छी हो सकती है।
स्थानीय बाज़ारों में भी गाँव की मूली काफ़ी मशहूर है। आगरा, भरतपुर और बयाना जैसे शहरों में इस मूली के बाज़ार से मूली की बिक्री होती है। थोक में इसकी कीमत 10 से 20 रुपये के बीच है। अधिकांश किसान अपना माल सीधे उपभोक्ताओं को बेचते हैं, जिससे उन्हें बिचौलियों की आवश्यकता के बिना अधिक लाभ प्राप्त होता है।