AGRICULTURE

Potato Crop Diseases: आलू की फसल को बर्बाद कर देते हैं ये रोग, जानें पहचान और बचाव

Potato Crop Diseases: वैसे तो आलू किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, लेकिन मौसम संबंधी कारकों जैसे कोहरा, तापमान में उतार-चढ़ाव और अत्यधिक नमी के कारण बीमारियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता बढ़ जाती है। ब्लाइट रोग (Blight Diseases), जो दो किस्मों में आता है – पिछाता झुलसा और अगात झुलसा – उनमें से सबसे प्रचलित है। ये दोनों रोग आलू की फसल को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। अगर किसान समय रहते ब्लाइट रोग के खिलाफ सबसे अधिक सावधानी बरतें तो वे अपनी आलू की फसल की लाभप्रदता बढ़ा सकते हैं। हमें बताएं कि इन बीमारियों को कैसे पहचाना और उनका इलाज कैसे किया जाए।

Potato crop diseases
Potato crop diseases

पिछाता झुलसा

बीमारी की पहचान इस बात से की जा सकती है कि आलू की पत्तियां (Potato leaves) किनारों से कैसे सूखने लगती हैं। सूखे हिस्से को उंगलियों से रगड़ने पर चटकने जैसी आवाज आती है। इस बीमारी के फैलने के लिए प्राथमिक तापमान सीमा 10°C और 19°C के बीच है। किसान इसे ‘आफत’ कहते हैं।

प्रशासन

  • दिसंबर के अंत में एक बार सुरक्षात्मक धुंध लगाएं।
  • 400-500 लीटर पानी में घोल बनाएं और 10 से 15 दिन के अंतराल पर निम्नलिखित में से किसी एक का छिड़काव करें।
  • 75% घुलनशील मैन्कोजेब पाउडर (2 किलो प्रति एकड़)
  • ज़िनेब पाउडर, 75% घुलनशील (2 किलो/हेक्टेयर)।
  • अगर फसल संक्रमित है तो उस पर निम्नलिखित दवाइयों का छिड़काव करें।
  • मैन्कोजेब 64% + मेटालैक्सिल 8% (2.5 किलो/हेक्टेयर)
  • मैन्कोजेब 63% + कार्बेन्डाजिम 12% (1.75 किलो/हेक्टेयर)

अगात झुलसा

रोग की पहचान: इस रोग की विशेषता पत्तियों पर काले, गोलाकार धब्बे बनना है जो अंततः पत्तियों के फैलने पर उन्हें जला देते हैं। आमतौर पर, यह बीमारी जनवरी के दूसरे या तीसरे सप्ताह के आसपास प्रकट होती है।

प्रशासन

  • ज़िनेब पाउडर, 75% घुलनशील (2 किलो/हेक्टेयर)।
  • मैन्कोजेब का 75% घुलनशील चूर्ण (2 किलोग्राम प्रति एकड़)
  • कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का 50% घुलनशील चूर्ण (2.5 किलोग्राम प्रति एकड़)
  • कैप्टन का 75% घुलनशील चूर्ण (2 किलोग्राम प्रति एकड़)
  • जैसे ही रोग के लक्षण दिखने लगें, छिड़काव शुरू कर दें।
  • निम्नलिखित में से किसी भी चीज़ को 400-500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

मुख्य बिंदु

  • फसल पर कड़ी नज़र रखें ताकि पहले लक्षण दिखने पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  • सुनिश्चित करें कि आपके पास छिड़काव के लिए सही दवाइयाँ और सही मात्रा हो।
  • छिड़काव करते समय, मौसम शांत और साफ़ होना चाहिए।

किसानों के लिए सलाह

किसी भी सवाल या चिंता के लिए किसान कॉल सेंटर (टोल-फ्री नंबर: 18001801551) से संपर्क करें। इसके अलावा, अपने जिले के सहायक निदेशक पौध संरक्षण से सलाह लें।

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