AGRICULTURE

Pea cultivation: इस फसल को तगड़ा फायदा देती है ठंड की बारिश

Pea cultivation: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बारिश और बर्फबारी ने ठंड बढ़ा दी है, लेकिन बारिश ने स्थानीय किसानों के चेहरे भी खिले हैं। उत्तराखंड के वर्षा आधारित कृषि क्षेत्रों में बारिश ने किसानों को उम्मीद की किरण दिखा दी है। पहाड़ी इलाकों में मटर की पहली बुवाई के दो महीने बाद अब मटर के पौधे में वानस्पतिक विकास शुरू होने का समय आ गया है। इसके बाद मटर में फूल और फलियां आना शुरू हो जाती हैं। इस बारिश से मटर की फसल पर काफी असर पड़ेगा।

Pea cultivation
Pea cultivation

पानी से मटर (Pea) की फसल को फायदा होगा।

पहाड़ी इलाकों में मटर की फसल पर बारिश के असर के बारे में गढ़वाल विश्वविद्यालय में उद्यान विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. तेजपाल बिष्ट ने मीडिया को बताया कि उत्तराखंड में भले ही इस समय सर्दी का मौसम चल रहा है, लेकिन पहाड़ी इलाकों में अभी तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है। पानी से मटर की फसल को फायदा होगा। डॉ. टीएस बिष्ट के मुताबिक उत्तराखंड के मध्य और तराई इलाकों में बारिश न के बराबर हुई है, जबकि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अभी तक बारिश और बर्फबारी दोनों हुई है।

उनके अनुसार मटर की फसल पर बारिश का सबसे ज्यादा असर होता है, क्योंकि इस समय फसल वानस्पतिक विकास के दौर से गुजर रही होती है, जिसके बाद फूल और फलियां बनती हैं। इस समय हुई बारिश मटर की फसल के लिए फायदेमंद होगी।

असिंचित खेतों के लिए भी बेहतरीन

असिंचित कृषि क्षेत्रों में मटर की पैदावार को इस बारिश से काफी फायदा होगा। इस समय अगर बारिश जारी रहती है तो मटर की पैदावार के लिए यह अनुकूल है। अगर बहुत ज्यादा बारिश होती है तो खेत को नुकसान भी हो सकता है। अगर अभी अतिरिक्त बारिश की संभावना नहीं है तो भी अगर बारिश ज्यादा होती है तो खेतों में जल निकासी का प्रबंध किया जाना चाहिए।

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