Paddy Sowing: धान की बुवाई से पहले करें ये जरूरी काम, दोगुनी हो जाएगी पैदावार
Paddy Sowing: गेहूं की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में गेहूं की कटाई के बाद खेत भी खाली हो रहे हैं और अगले महीने तक खाली ही रहेंगे। मई के आखिर में खेतों में धान की रोपाई शुरू हो जाएगी। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि अगले महीने में आपको अपने खेतों की मिट्टी में क्या बदलाव करना होगा, ताकि धान की पैदावार (Paddy Production) दोगुनी हो सके। आइए जानते हैं कि मृदा संस्थान के विशेषज्ञ इस बारे में क्या सोचते हैं और धान की फसल तैयार करने के लिए मिट्टी को बेहतर बनाने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

जुताई करें पूरी
सुल्तानपुर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के विशेषज्ञ सौरभ तिवारी के मुताबिक, गेहूं की कटाई का काम चल रहा है। ऐसे में जिस जमीन पर चावल की रोपाई करनी है, उसे गेहूं की कटाई के बाद कम से कम दो बार कल्टीवेटर (Cultivator) से जोतना चाहिए। साथ ही, मई का महीना गर्म होने के कारण अगर संभव हो तो अप्रैल के आखिर या मई की शुरुआत में एक बार पानी जरूर भर दें, ताकि धान के मौसम में खेतों में उगने वाले खरपतवार उगने से पहले ही उग जाएं। ऐसी परिस्थितियों में, उच्च तापमान ऐसे खरपतवारों को मार देगा।
इसका करें उपयोग
विशेषज्ञ सौरभ तिवारी के अनुसार, गेहूं की कटाई (Wheat Harvesting) के बाद धान के लिए खाली छोड़े गए क्षेत्रों पर वर्मीकम्पोस्ट या जैविक खाद का अच्छी तरह से छिड़काव किया जाना चाहिए। इससे बारिश होते ही वर्मीकम्पोस्ट धान के पौधों के लिए काम करना शुरू कर देगा।
मिट्टी की करवाएं जांच
हर क्षेत्र की मिट्टी के गुण अलग-अलग होते हैं। ऐसे में हमें अपने खेत की मिट्टी की जांच मृदा अनुसंधान संस्थान (Soil Research Institute) से करवानी चाहिए। अगर यह धान की खेती के लिए अनुपयुक्त है तो निश्चित रूप से पेशेवर मार्गदर्शन लें।
मिट्टी के लिए उपयुक्त तापमान की आवश्यकता
भारत ऐतिहासिक रूप से एक कृषि प्रधान देश रहा है, जहां 55% लोग वर्तमान में कृषि कार्य करते हैं। हालांकि, संसाधनों की कमी और नई तकनीकों को अपनाने की कमी के कारण, कृषि का तेजी से विस्तार नहीं हो पा रहा है। इस परिदृश्य में, यदि हम वर्तमान गर्मियों पर विचार करें, तो भारत में धान उत्पादन के लिए तापमान (Temperature) आदर्श है। नतीजतन, इन दो महीनों का उपयोग खेतों को व्यवस्थित करने के लिए किया जाना चाहिए।