Paddy Cultivation: धान की इस नई किस्म की खेती से किसानों को मिलेगी बंपर पैदावार
Paddy Cultivation: धान की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है।धान अब सूखे में भी अच्छी फसल (Good harvest) देगा। इस धान की बुआई भी तुरंत हो जाएगी। इसके लिए पहले से नर्सरी लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर इसे सीधे खेतों में छिड़क दिया जाए तो करीब 115 से 120 दिन में फसल तैयार हो जाएगी।
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दरअसल, पटना स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शोधकर्ताओं ने चावल की एक नई किस्म बनाई है। इसका नाम है ‘स्वर्ण पूर्वी धान-4’। इसे संस्थान के शीर्ष वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार और उनके समूह ने बनाया है। उन्होंने बताया कि सूखे की स्थिति में भी जब लगातार पानी की समस्या बनी रहती है, तो यह एरोबिक चावल (Aerobic Rice) बेहतर परिणाम देता है। इसे उगाने के लिए कम मेहनत और कम पानी की जरूरत होती है।
इस धान की खासियत क्या है?
वैज्ञानिकों ने एरोबिक चावल की किस्म ‘स्वर्ण पूर्वी धान-4’ बनाई है। यह धान की एक उन्नत किस्म है जो सूखे को झेल सकती है। जिन जगहों पर पानी की कमी है, वहां यह ज्यादा फायदेमंद है। बुवाई के बाद 115 से 120 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। इसका दाना मजबूत और लंबा होता है। इसमें 61.9% साबुत चावल के दाने होते हैं। 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज के लिए प्रति हेक्टेयर 25 से 30 किलोग्राम बीज बोना चाहिए।
कीटों और बीमारियों से लड़ने की क्षमता
वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, यह सूखे को भी झेल सकता है और कम पानी में भी अच्छी फसल पैदा कर सकता है। यह ब्लास्ट, ब्राउन स्पॉट और लीफ शीथ ब्लाइट (Blast, Brown Spot and Leaf Sheath Blight) जैसी बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। यह लीफ रोलर और स्टेम बोरर जैसे कीटों से भी लड़ सकता है। इसके अलावा, यह 35-40% पानी भी बचाता है।
इस महीने करें रोपण
स्वर्ण पूर्वी धान 4 (Golden Eastern Paddy 4) की सीधी बुवाई 15 जून तक या मानसून के मौसम की शुरुआत से पहले संभव है। खरपतवारों को उगने से रोकने के लिए सीधी बुवाई के 24 से 27 घंटे बाद दवा का छिड़काव किया जा सकता है। जून में बुवाई के बाद 15 अक्टूबर तक इस धान की कटाई संभव है। फिर रबी की फसलें तय समय पर लगाई जा सकती हैं। वैज्ञानिक डॉ. संतोष कुमार के अनुसार, कुछ किसानों को इस सीजन में इसके बीज मिल सकते हैं। बाकी बीज अगले सीजन से सभी किसानों को उपलब्ध हो जाएंगे।