Paddy Crop : धान की फसल के लिए काफी विनाशकारी है ये घास, तुरंत करें ये उपाय
Paddy Crop : खरीफ की फसल के सीजन के बीच में लगभग हर किसान ने अपने खेतों में धान की रोपाई कर दी है। धान की अच्छी फसल और अधिक पैदावार के लिए किसान काफी मेहनत करते हैं। धान की फसल को बचाने के लिए किसान खरपतवार नियंत्रण का प्रयोग करते हैं। वहीं खेतों में घास भी साफ कर देते हैं। हालांकि इसके बावजूद खेतों में कई तरह की घास अक्सर देखने को मिल जाती है, जो धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाती है। इन्हीं में से एक है मोथा घास (Motha Grass), यह धान की फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देती है। दावा है कि जिस खेत में मोथा घास उगती है, वहां की फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। कृषि विभाग के पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. मुकुल कुमार के अनुसार मोथा का रंग हरा होता है।
इसकी जड़ें जमीन में काफी अंदर तक जाती हैं और इसके पत्ते त्रिकोणाकार होते हैं। ये पत्ते फैलने पर सख्त हो जाते हैं, जो सूखने पर काले रंग के हो जाते हैं। उन्होंने किसानों को धान की रोपाई के बाद खेतों में पानी जमा रखने की सलाह दी। धान की रोपाई के 15 से 30 दिन बाद तक खेतों में पानी भरा रहने पर खरपतवार नियंत्रित (Weed Control) होते हैं और बहुत कम खरपतवार उगते हैं। किसान अक्सर धान की रोपाई के बाद उसमें पानी नहीं डालते हैं, इसलिए खेतों में घास और खरपतवार उगने लगते हैं। अगर आपने पंद्रह दिन पहले धान की फसल लगाई है, तो उसे तीस दिन तक पानी में डूबा रहने दें।
इन दवाओं का भी करें इस्तेमाल
डॉ. मुकुल कुमार के अनुसार, किसान पेंटामेथालिन नाम्नी गोल्ड (Pentamethalin Namni Gold) के साथ फ्लूक्लोरोलाइन (बेसालिन) 1000-1500 का इस्तेमाल करके अपनी फसलों में खरपतवार उगने से रोक सकते हैं। इसके अलावा, किसान पाइराजोसुलफ्यूरान एथिल डब्ल्यूपी, प्रोटीन फ्लोर ऑक्सीफ्लोरफेन, ब्यूटी फ्लोर 50% ईसी और पेंडीमेथिलीन 30 ईसी का इस्तेमाल करके अपनी फसलों को बचा सकते हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे चाहें तो इस दवा का दो या तीन बार छिड़काव करें। वैकल्पिक रूप से, आप कृषि के किसी विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं, अपने क्षेत्र के लिए उपयुक्त दवा चुन सकते हैं, और इस घास को खत्म करने के लिए इसे अपने खेतों में डाल सकते हैं।