Paddy crop : धान की फसल में डालें ये दवा, मरे हुए पौधों में भर देगा जान
Paddy crop : इस समय कई राज्यों में बाढ़ का कहर जारी है। बाढ़ के दौरान किसानों की फसल पानी में डूब जाने से उन्हें आर्थिक नुकसान हो सकता है, जोकि एक बड़ी चिंता का विषय है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बाढ़ का पानी (flood water) उतरने के बाद किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए उचित सुरक्षा उपाय करने चाहिए। कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार धान की फसल को अतिरिक्त सिंचाई की जरूरत होती है, लेकिन कई स्थानों पर बाढ़ के कारण फसल कई दिनों तक पानी में डूबी रहती है। बाढ़ का पानी उतरने के बाद किसानों को प्रभावी फफूंदनाशकों (Fungicides) का प्रयोग करना जरूरी है, ताकि धान की फसल को बचाया जा सके।
बाढ़ के प्रभाव से बचाव: धान की फसल में सुधार के उपाय
डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार बाढ़ का पानी कई दिनों तक भरा रहने से धान की पत्तियों (paddy leaves) पर मिट्टी की परत जम जाती है। इससे पौधा धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है और पत्तियां पोषक तत्व नहीं दे पाती हैं। ऐसे में किसानों को स्प्रे पंप (Spray Pump) में ताजा पानी भरकर फसल को पानी देना चाहिए। इससे पत्तियां साफ हो जाएंगी और वे फिर से खाने लगेंगी। पौधे का बढ़ना बंद नहीं होगा।
धान की फसल की रक्षा: फंगस से बचाव के उपाय
डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, किसानों को अपनी धान की फसल को ताजे पानी से धोने के बाद प्रति लीटर पानी में दो ग्राम कार्बेन्डाजिम और मेंकोजेब (Carbendazim and Mancozeb) के घोल का छिड़काव करना चाहिए। ऐसा करने से पौधे को फंगस रोग से बचाया जा सकता है। धान की फसल में लंबे समय तक जलभराव रहने से पौधे में फंगस विकसित हो सकता है। नतीजतन, धान के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं और उसकी वृद्धि रुक जाती है।
इस तरह की खाद डालें
डॉ. एनपी गुप्ता के अनुसार, बाढ़ का पानी मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को बहा ले जाता है। इसलिए, पेशेवर मार्गदर्शन के अनुसार खाद डालें। पोटाश, फास्फोरस और नाइट्रोजन (Phosphorus and Nitrogen) का उचित मात्रा में उपयोग करें।
जल्दी पकने वाली फसलों के लिए किसानों का मार्गदर्शन
डॉ. एनपी गुप्ता ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त फसलों के बदले जल्दी पकने वाली वैकल्पिक फसलें लगाने की सलाह दी। बाढ़ के बाद कम समय में तैयार होने वाली फसलें जैसे मूंग, उड़द और तिल (Moong, urad and sesame) की खेती तेजी से की जा सकती है। इसके अलावा किसान मोटे अनाज की खेती भी कर सकते हैं। सरकार किसानों को ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो और सांवा के मिनी बीज किट मुफ्त में उपलब्ध करा रही है। किसान अपना आधार कार्ड दिखाकर अपने नजदीकी राष्ट्रीय कृषि बीज भंडार (National Agricultural Seed Store) से बीज किट प्राप्त कर सकते हैं।