Onion Cultivation: इस विधि से करें प्याज की खेती, कभी नहीं होगा नुकसान
Onion Cultivation: आजकल छतरपुर के किसान रबी सीजन (Rabi Season) की फसल के रूप में प्याज उगाने को प्राथमिकता दे रहे हैं। लगभग हर किसान ने सफलतापूर्वक प्याज की रोपाई की है। मिट्टी के प्रकार के अनुसार सिंचाई और पानी देने से प्याज की गुणवत्ता में सुधार होता है और उत्पादन बढ़ता है।
प्याज को पानी देने और रोपाई करने का आदर्श समय
बीज बोने के बाद पहली सिंचाई: प्याज लगाते ही खेत में पानी देना चाहिए।
सिंचाई के लिए आवश्यक समय: प्याज की फसल को कुल तीन से चार बार पानी की आवश्यकता होती है।
रोपाई के बीस दिन बाद पहली सिंचाई होती है।
अगली सिंचाई: उसके बाद हर महीने।
तेज धूप होने पर हर 15 से 20 दिन में पानी देना आवश्यक है।
खेत में दूरी:
पौधों के बीच की दूरी: 10 सेमी।
पंक्ति के बीच की दूरी: 15 सेमी।
मिट्टी की सिंचाई करें निर्धारित
खेत की मिट्टी की किस्म सिंचाई (Variety Irrigation) की मात्रा और समय निर्धारित करती है।
गढ़वाल की मिट्टी:
यह मिट्टी लंबे समय तक पानी रखती है और भारी होती है।
इसे महीने में एक बार ही पानी देने की ज़रूरत होती है।
चुकरीली किस्म की मिट्टी:
यह हल्की होती है और इसमें पानी को बनाए रखने की अवधि कम होती है।
इसे हर पंद्रह दिन में पानी देना पड़ता है।
मरवा मिट्टी:
काली मिट्टी में प्याज़ कम होता है।
पढ़ुआ की मिट्टी:
बेसन और पीले रंग वाली मिट्टी में ज़्यादा प्याज़ होता है।
प्याज़ की फ़सल पर मौसम का असर
बारिश: जब बारिश होती है, तो मिट्टी ज़्यादा नम हो जाती है, जिससे सिंचाई की ज़रूरत कम हो जाती है।
गर्मियों में तेज़ धूप की वजह से मिट्टी जल्दी सूख जाती है, इसलिए 15 से 20 दिन के अंतराल पर पानी देना चाहिए।
प्याज़ की फ़सल तैयार होने में कितने दिन लगते हैं?
प्याज़ की फ़सल तैयार होने में लगभग चार महीने लगते हैं। रोपाई के बाद अप्रैल तक प्याज़ की खुदाई पूरी हो जाती है। गया पाल ने पहले दावा किया था कि उन्होंने एक बीघा ज़मीन पर 125 टन प्याज़ उगाए हैं।
उत्पादन बढ़ाने के उपाय
समय पर सिंचाई: सुनिश्चित करें कि आप उचित समय और मात्रा में सिंचाई करें।
उचित मिट्टी का चयन करें: पडुआ मिट्टी बेहतर प्याज पैदा करती है।
मौसम पर ध्यान दें: जब बारिश होगी और धूप होगी, तब सिंचाई की योजना बनाएं।
पौधों के बीच उचित दूरी: उचित दूरी से उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है।