AGRICULTURE

Natural & Organic Farming: किसान ने इस तकनीक से की सब्जियों की खेती, कमाए 3,50,000 से 4,00,000 रुपये

Natural & Organic Farming: रासायनिक खेती से हटकर प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर बढ़ने के परिणामस्वरूप, राज्य भर के किसान अब बहुत ज़्यादा पैसे कमा रहे हैं। मिश्रित खेती भावनगर क्षेत्र के किसानों को ज़्यादा पैसे कमाने में मदद कर रही है, और वे भी इस बदलाव का हिस्सा हैं। एक क्षेत्र में कई फ़सलें उगाकर, किसान इस तरह की खेती के ज़रिए अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।

Natural-organic-farming. Jpeg

भावनगर के जगदीशभाई देसाई मिश्रित खेती करते हैं। भावनगर जिले के महुवा तालुका के कांटासर गांव में 55 वर्षीय किसान जगदीशभाई देसाई मिश्रित खेती का प्रभावी प्रयोग कर रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट के अलावा, उन्होंने अपने पंद्रह बीघा क्षेत्र में सब्ज़ी की फ़सलें, Guava और Turmeric लगाई है। जगदीशभाई इस प्राकृतिक खेती शैली में केवल स्थानीय खाद का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है।

ड्रैगन फ्रूट कैसे उगाए जाते हैं?

जगदीशभाई के अनुसार, Dragon Fruit की खेती में शुरू में काफ़ी लागत आती है, लेकिन एक बार जब यह स्थापित हो जाती है, तो लागत कम हो जाती है और उत्पादकता बढ़ती रहती है। अगर सही देखभाल की जाए, तो ड्रैगन फ्रूट का एक पौधा एक साल में 12 किलो फल दे सकता है। दूसरे साल ही उन्होंने इस फसल से 3,50,000 से 4,00,000 रुपये कमाए, जबकि हल्दी की फसल से उन्हें 40,000 से 50,000 रुपये प्रति बीघा की कमाई हुई।

प्राकृतिक कृषि पद्धतियों के कारण ड्रैगन फ्रूट की बहुत मांग है; जगदीशभाई अपनी फसल को महुवा, वडोदरा और सूरत के बाजारों में बेचते हैं। अपनी 15 बीघा जमीन पर इस विविध खेती के माध्यम से उन्होंने 4,00,000 से 4,50,000 रुपये प्रति बीघा की कमाई की है। यह तकनीक अपनी सस्ती लागत और बड़ी कमाई के कारण अन्य किसानों के लिए प्रेरणा का काम कर रही है।

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