Mustard greens cultivation: इस तरीके से करें सरसों के साग की खेती, होगा तगड़ा मुनाफा
Mustard greens cultivation: क्षेत्र में खेती के तौर-तरीके तेजी से बदल रहे हैं। आजकल किसान परंपरागत फसलों के अलावा सब्जी और तिलहन की खेती (Cultivation of oilseeds) पर ध्यान दे रहे हैं। किसानों को खास तौर पर सरसों की खेती करना काफी फायदेमंद लग रहा है। बाजार में सरसों (Mustard) की बढ़ती मांग के चलते किसानों के पास अब हजारों रुपये कमाने का मौका है।
10 कट्ठा जमीन पर सरसों और 7 एकड़ में मक्का की खेती
फारबिसगंज प्रखंड के मिर्जापुर गांव के किसान असगर के मुताबिक, वे 10 कट्ठा जमीन पर सरसों की खेती करते हैं। इसके अलावा सात एकड़ जमीन पर मक्का की खेती करते हैं। दोनों फसलों से असगर की सालाना आय 5 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि नवंबर का महीना मक्का की खेती के लिए आदर्श समय होता है, जो अब कई जगहों पर की जा रही है।
रबी सीजन की तैयारी में किसान जी-जान से जुटे हैं।
अगेती धान की फसल काटने के बाद किसान रबी सीजन की तैयारी में जुट गए हैं। इस सीजन में किसान असगर सरसों, मक्का और चना की खेती को प्राथमिकता दे रहे हैं। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की खेती के लिए सबसे अच्छे महीने अक्टूबर से नवंबर हैं। सरसों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी और 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श है।
25 से 30 दिन में सरसों की फसल तैयार हो जाएगी।
किसान असगर के अनुसार सरसों की फसल 25 से 30 दिन में तैयार हो जाएगी। इससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी होती है। उनके अनुसार मक्का की खेती में चार से पांच सिंचाई चक्र की जरूरत होती है, लेकिन पैदावार काफी अधिक होती है।
सरसों (Mustard) की खेती के फायदे और तैयारी
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार सरसों की खेती से किसान तेजी से पैसा कमा सकते हैं। बेहतर उत्पादन के लिए खेत की अच्छी तरह से जुताई और देखभाल करनी चाहिए। सरसों की खेती करके किसान न सिर्फ अपनी आय बढ़ा रहे हैं, बल्कि सब्जी और तिलहन के उत्पादन में भी इस क्षेत्र को एक नया स्वरूप दे रहे हैं।
सरसों और मक्का का मिश्रण फायदेमंद साबित हुआ।
अररिया के किसानों के लिए मक्का और सरसों की खेती कम लागत में अधिक लाभ का रास्ता साबित हुई है। असगर जैसे किसानों की उपलब्धियों से दूसरे किसान भी प्रेरित हो रहे हैं।
किसानों को ये बातें याद रखने की जरूरत है।
सरसों की फसल अक्टूबर से नवंबर तक होती है। 25 से 30 दिनों में हरी सब्जियां उपलब्ध हो जाएंगी।
मक्का के लिए नवंबर का महीना आदर्श है।
– बलुई दोमट मिट्टी
समकालीन और पारंपरिक खेती के बीच संतुलन बनाकर अररिया जिले के किसान न केवल अपने जीवन स्तर को बढ़ा रहे हैं, बल्कि क्षेत्र को कृषि उत्पादन का केंद्र भी बना रहे हैं।