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Mustard Farming: अक्टूबर में लगाएं सरसों की ये किस्म, मात्र इतने दिनों में हो जाएगी तैयार

Mustard Farming: धान की फसल कटने के बाद किसानों के खेत खाली होने लगे हैं। इन दिनों किसान रबी की फसल लगाने की तैयारी में जुट जाते हैं। अक्टूबर का महीना ऐसी कई फसलों के लिए आम महीना होता है, जिसमें किसान कम खर्च में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अक्टूबर एक और महीना है, जिसमें किसान सरसों की फसल लगाने के बारे में सोच सकते हैं। ठंड के मौसम में सरसों की खेती (Mustard Farming) सबसे उपयुक्त मानी जाती है। इसकी खेती के लिए 15 से 25 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत होती है।

Mustard farming

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी ने बताया कि सरसों की फसल बहुत कम दिनों में तैयार हो जाती है और इसमें बहुत कम निवेश की जरूरत होती है। इससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं, इसलिए सरसों की फसल लगाते समय भी बेहतर किस्म का चुनाव करना जरूरी है, जो रोग प्रतिरोधक हो।

Mustard की 15 अक्टूबर तक करें बुवाई

डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार भारतीय कृषि अनुसंधान (Indian Agricultural Research) नई दिल्ली ने सरसों की किस्म पूसा-32 विकसित की है। इस किस्म की बुवाई 15 अक्टूबर तक की जा सकती है। राजस्थान के मैदानी इलाकों, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भी इसकी खेती की जा सकती है। इस फसल को उगाने से किसानों को अच्छी पैदावार मिलती है। उत्पादन 28 क्विंटल तक होगा।

इतने दिनों में यह किस्म पककर तैयार हो जाती है।

डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, पूसा सरसों-32 के पौधे का तना लगभग 73 सेंटीमीटर लंबा होता है। फली का घनत्व बहुत बढ़िया होता है। 132 से 145 दिनों में यह किस्म पककर तैयार हो जाती है। खास बात यह है कि इस किस्म की सरसों प्रति हेक्टेयर 27 से 28 क्विंटल उपज देती है। अच्छी देखभाल से उत्पादन बढ़ाने में भी मदद मिल सकती है।

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