Mustard Farming: सरसों की गलन से छुटकारा पाने के लिए किसान करें यह उपाय
Mustard Farming: मौसम धीरे-धीरे बदल रहा है और ठंड बढ़ रही है। तापमान (temperature) में गिरावट के कारण कुछ फसलों पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसी क्रम में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गिरते तापमान से सरसों की फसल पर बुरा असर पड़ रहा है और उसमें गलन की समस्या उत्पन्न होने लगी है। इसको लेकर किसान खासे चिंतित हैं। सरसों में गलन की समस्या से निपटने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर एवं प्रभारी डॉ. आईके कुशवाहा ने कुछ उपाय सुझाए हैं, जिन्हें किसान आसानी से अपना सकते हैं।
Mustard : ये उपाय करें।
रात में ठंड और दिन में गर्मी के कारण सरसों में गलन की समस्या उत्पन्न होती है। सबसे पहले किसान सरसों में 2 ग्राम प्रति लीटर की दर से डब्ल्यूडीजी सल्फर का छिड़काव करें या फिर 1.5 से 2 किलो प्रति बीघा की दर से खेत में पेंटोनाइड सल्फर डालें। ऐसा करने से सरसों की फसल में गलन की समस्या धीरे-धीरे दूर हो जाएगी। जड़ सड़न की समस्या होने पर किसान प्रति लीटर पानी में आधा ग्राम मेटालैक्सिल का छिड़काव करें।
ऐसा करने से सड़न की समस्या तुरंत हल हो जाएगी।
मेटालैक्सिल (Metalaxyl) की अनुपस्थिति में किसान कार्बेन्डाजिम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ये उपाय इस समस्या को हल करने में मदद कर सकते हैं। सड़न को रोकने के लिए इन चीजों का इस्तेमाल करें। मीडिया से बात करते हुए डॉ. कुशवाह ने कहा कि सहारनपुर का तापमान कुछ ही दिनों में अचानक गिर गया है। सरसों की फसल में सड़न की समस्या कुछ किसानों को परेशान कर रही है। उन्होंने किसानों के खेतों की जांच की और पाया कि सरसों के पौधे सड़न के कारण मर चुके हैं।
दिन में तापमान अधिक और रात में तापमान कम होने के कारण सड़न की समस्या होती है। इसके लिए ऊपर बताए गए उपाय किए जा सकते हैं। इसके अलावा, पेड़ और उसकी जड़ों को किसी दूसरी जगह से लाकर वहां लगाएं जहां पेड़ को नुकसान पहुंचा है। चूंकि सल्फर पौधे, उसके बीज और उत्पादित तेल की मात्रा को प्रभावित करता है, इसलिए किसानों को सरसों के खेतों में अधिक सल्फर डालना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें शाम को पानी देना चाहिए। अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे तो यह समस्या हल हो जाएगी।