Mustard cultivation methods: सरसों की बुवाई के बाद रखें इन बातों का ध्यान
Mustard cultivation methods: खरीफ की फसल कटने के बाद अब रबी की फसल की बुआई करनी है। रबी की मुख्य फसल सरसों (Mustard) है, जिसे किसान काफी मात्रा में बो रहे हैं। हालांकि, फसल को नुकसान से बचाने के लिए किसानों को बुआई के तुरंत बाद कुछ कदम उठाने की जरूरत है। हमें बताएं कि सरसों की बुआई कब और कैसे करें और पहली सिंचाई के दौरान किन बातों का ध्यान रखें।
कृषि विज्ञान केंद्र सुल्तानपुर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. जेबी सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सरसों की बुआई असल में सितंबर में शुरू होती है। हालांकि, अवध क्षेत्र में अक्टूबर और नवंबर के महीनों में सरसों की बुआई की जाती है, जिसमें सुल्तानपुर (Sultanpur) भी शामिल है। अगर आप भी अच्छी पैदावार चाहते हैं तो सितंबर के अंत और अक्टूबर से नवंबर के महीने सरसों की बुआई के लिए सबसे अच्छे हैं। ताकि सरसों के पौधे ठंड (Cold) से पहले उगना शुरू कर दें। इसके अलावा, रेतीली दोमट मिट्टी अच्छी होती है और 15 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान अधिक पैदावार के लिए आदर्श माना जाता है।
इस तरह से करें खेत की तैयारी
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार, सरसों की बुआई भुरभुरी मिट्टी में करनी चाहिए। इसलिए खरीफ की फसल कटने के बाद खेत की अच्छी तरह जुताई करने के लिए कल्टीवेटर का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद जुताई के लिए देशी हल का इस्तेमाल करना फायदेमंद माना जाता है। खेतों को गीला रखने के लिए हमें जुताई करनी चाहिए। हालांकि कीटों की बात करें तो सरसों के खेतों में दीमक, चित्तीदार कीड़े और अन्य कीट ज्यादा देखने को मिलते हैं। इसके प्रबंधन के लिए अंतिम जुताई के समय खेत में क्विनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़कना चाहिए। इसके अलावा अंतिम जुताई से पहले खेत में 50 किलोग्राम वर्मीकल्चर या सड़ी हुई गोबर की खाद मिला देनी चाहिए।
सरसों (Mustard) की बुवाई के बाद इस काम को करने से बचें
पौधों में होने वाले पक्षपात को रोकने के लिए हमें सरसों की बुवाई के बाद कुछ चीजों से बचना चाहिए। जैसे सरसों के खेत में पहली सिंचाई बुवाई के 35 से 40 दिन बाद ही करनी चाहिए और दूसरी सिंचाई दाने बनने के बाद ही करनी चाहिए।