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Moong Farming Tips: इस दाल की खेती से सिर्फ 55 दिन में होगी बंपर कमाई

Moong Farming Tips: कई किसान गन्ना कटाई के बाद पेड़ी की फसल ले रहे हैं, जबकि कई किसानों के खेत खाली हो रहे हैं। ऐसे में किसान कम दिनों में तैयार होने वाली फसल लगा सकते हैं। जायद सीजन में खेतों का समुचित उपयोग करने पर किसान कम लागत में अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं। खास तौर पर किसान दलहनी फसलों (Pulse crops) की खेती कर सकते हैं। दलहनी फसलों में मूंग की खेती किसान कर सकते हैं। मूंग को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। मूंग की बेहतर किस्म ही बोनी चाहिए। साथ ही दलहनी फसलों की खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है।’

Moong farming tips
Moong farming tips

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि विशेषज्ञ डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, किसान अब मूंग की खेती कर सकते हैं। मूंग की खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। मूंग की जड़ों में राइजोबियम (Rhizobium) होता है, जो मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। 55 से 65 दिन में मूंग की फसल पककर तैयार हो जाती है। इससे किसानों को अच्छा खासा मुनाफा होता है। साथ ही मूंग को सिंचाई की जरूरत भी नहीं पड़ती। किसान मूंग की बुवाई मार्च के पहले सप्ताह से 15 अप्रैल के बीच कर सकते हैं।

रोपण से पहले इन बातों का रखें ध्यान

मूंग की बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लें। इसके लिए डिस्क हैरो से हल चलाकर खेत में पर्याप्त नमी होने पर जुताई करें। खेत की आखिरी बार जुताई करते समय 40 किलोग्राम एमओपी और 100 किलोग्राम एसएसपी प्रति हेक्टेयर मिलाएं। इसके बाद जमीन को समतल करें और बीज बोएं। लाइनों के बीच 40 सेमी और पौधों के बीच 15 से 20 सेमी की दूरी रखें। बुवाई से पहले बीजों का अध्ययन करके ही उपयोग करना जरूरी है। 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम (Carbendazim) का उपयोग करके एक किलोग्राम बीज पर शोध करें। बीजों को शुद्ध करने से फसल में रोग नहीं लगेंगे और उच्च गुणवत्ता वाला उत्पादन मिलेगा। याद रखें कि एक एकड़ में 10 से 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

मूंग की उन्नत किस्में

मूंग की रोपाई करते समय उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना महत्वपूर्ण है। डॉ. एनसी त्रिपाठी के अनुसार, यदि किसान जल्दी से उच्च उपज प्राप्त करना चाहते हैं तो उन्हें सम्राट, पूसा विशाल और ज्योति की रोपाई करनी चाहिए। इसके अलावा, याद रखें कि केवल प्रतिष्ठित कंपनियों से ही बीज खरीदें।

मूंग के खेतों में कब सिंचाई करनी चाहिए?

बीज बोने के 25 से 30 दिन बाद मूंग में पानी दें; अगली सिंचाई 10 से 15 दिन बाद की जा सकती है। याद रखें कि जब खेत पर्याप्त गीला हो तो निराई-गुड़ाई की जाती है, तो खरपतवार नहीं दिखाई देंगे और मिट्टी में हवा का संचार होगा, जिससे मूंग की स्वस्थ फसल होगी।

कटाई के बाद यह काम करें

55 से 60 दिन में मूंग की फसल पककर तैयार हो जाती है। ऐसे में किसानों को खेत में ही मूंग की फलियों को तोड़कर अलग कर लेना चाहिए। खेत में ही मूंग के पौधों को जोतकर मिट्टी में मिला देना चाहिए। इससे मिट्टी में अधिक मात्रा में जैविक कार्बन होगा। अगली धान की फसल में खाद (Fertilizer) की कम जरूरत पड़ेगी।

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