Mini Sprinkler: इस यंत्र से किसान खेती में आसानी से कमा सकते हैं लाभ
Mini Sprinkler: खेती करते समय किसानों को कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। किसानों को उचित मूल्य पर अधिक उपज देने के लिए कई तरह के उपकरण विकसित किए जा रहे हैं। इनमें से आज हम आपसे एक छोटे स्प्रिंकलर के बारे में चर्चा करेंगे, जिसे आमतौर पर सिंचाई उपकरण के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्र सुल्तानपुर में बागवानी विभाग किसानों को इस उपकरण का पूरी क्षमता से उपयोग करने के बारे में प्रशिक्षण दे रहा है।
मिनी स्प्रिंकलर (Mini Sprinkler): यह क्या है?
जिला बागवानी अधिकारी रणविजय सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि छोटा स्प्रिंकलर एक बेहतर सिंचाई पद्धति है जो फसल उगाने के दौरान एक स्थायी व्यवस्था प्रदान करती है। जब फसल कट जाती है, तो इसे हटाना आसान होता है। इससे जमीन में पर्याप्त पानी जाता है और पौधों की एक समान सिंचाई होती है। साथ ही, पौधों को बहुत अधिक पानी मिलने की चिंता भी नहीं रहती। इसलिए यह कम दबाव पर भी काम करता है। स्प्रिंकलर को स्थापित करने के लिए 8 मीटर x 8 मीटर से 10 मीटर x 10 मीटर की दूरी पर होना चाहिए।
छोटे स्प्रिंकलर के फायदे
खेतों में सूक्ष्म जलवायु पैदा करने वाली सिंचाई का एक प्रकार मिनी स्प्रिंकलर है, जो एक बूंद अधिक फसल के सिद्धांत पर काम करता है। इससे पौधे की जड़ों की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। इस तरह से सिंचाई करने पर कंद फसलों का आकार और स्वरूप एक जैसा रहता है, क्योंकि मिट्टी ढेर नहीं होती या बहुत अधिक सघन नहीं होती। साथ ही, छोटे स्प्रिंकलर से पोषक तत्व और उर्वरक पत्तियों में गिरते हैं, जिससे वे तेजी से फसल में समा जाते हैं।
सरकार छोटे स्प्रिंकलर पर सब्सिडी दे रही है।
जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि जो किसान अपने खेतों में छोटे स्प्रिंकलर लगाना चाहते हैं और वैज्ञानिक तरीके से सिंचाई का स्वरूप बनाना चाहते हैं। सरकार उनके लिए सब्सिडी (Subsidy) दे रही है। सामान्य किसानों को माइक्रो स्प्रिंकलर पर 80 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है, जबकि छोटे सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी मिलती है।