Maize harvest : पहाड़ों में Sweet Corn की खेती करने के लिए अपनाएं ये टिप्स, होगा बम्पर मुनाफा
Maize harvest : भारत में मक्के की खेती के लिए आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और उत्तर प्रदेश मुख्य स्थान हैं। पूरे साल मक्के की खेती होती है। अब इसका इस्तेमाल इथेनॉल बनाने में भी किया जाता है। इसकी मौजूदा कीमत के कारण किसान इसकी खेती से अच्छी कमाई कर सकते हैं। अगर आप मक्के की खेती करके उससे मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो पहाड़ी इलाकों में मक्के की तीन अलग-अलग किस्मों की खेती करना आपके लिए मददगार साबित हो सकता है।
इस मामले में मीडिया की टीम ने अल्मोड़ा में विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. राजेश खुल्बे से खास बातचीत की। डॉ. राजेश खुल्बे ने बताया कि पहाड़ी इलाकों में वैसे तो मक्के की खेती आम है, लेकिन Popcorn, sweet corn, and baby corn उगाने वाले किसानों को भी अच्छी खासी आर्थिक मदद मिलती है।
ऐसा करने के लिए संस्था लगातार किसानों को प्रेरित करती है, जिससे वे इन तीनों प्रजातियों से अच्छी कमाई कर सकते हैं। स्वीट कॉर्न उगाने पर किसानों को प्रति नाली करीब 12000 रुपये मिल सकते हैं। इसके अलावा, संस्था ने वीएल मधुरिमा, वीएल स्वीट कॉर्न हाइब्रिड 2 और वीएल स्वीट कॉर्न-1 जैसी उन्नत स्वीट कॉर्न किस्में विकसित की हैं। इसकी खेती करने से किसानों को कई फायदे होंगे।
मकई उगाने के फायदे और नुकसान
डॉ. राजेश खुलबे के अनुसार बेबी कॉर्न एक प्रकार का मक्का है, जिसकी कटाई भी कम उम्र में की जाती है। इसे लगाने वाले किसान एक नाली में करीब ₹6000 कमा सकते हैं। संस्था ने एक ऐसी किस्म का बेबी कॉर्न भी तैयार किया है, जिससे वीएल बेबी कॉर्न 1 और सीएम वीएल (CM VL) बेबी कॉर्न-2 लगाने वाले किसानों को काफी मुनाफा होगा।
तीसरा, पॉपकॉर्न उगाने वाले किसान एक नाली से करीब ₹5,000 कमा सकते हैं। संस्था ने इस क्षेत्र में इसकी प्रजाति भी विकसित की है। आप अपने खेतों में वीएल एम्बर पॉपकॉर्न उगा सकते हैं। अगर किसान नियमित मक्का के अलावा ये तीन किस्म की मक्का उगाते हैं, तो उन्हें काफी मुनाफा होगा। पहाड़ी इलाकों में अब स्वीट कॉर्न की खेती ज्यादा हो रही है और किसानों को इससे काफी मुनाफा भी हो रहा है।
ये दो बातें याद रखें।
डॉ. राजेश खुलबे ने किसानों को स्वीट कॉर्न की खेती करते समय दो महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखने की सलाह दी। सबसे पहली बात यह कि स्वीट कॉर्न को सामान्य मक्का की फसल से कम से कम 200 से 250 मीटर की दूरी पर उगाया जाना चाहिए, ताकि क्रॉस-परागण को रोका जा सके, जिससे स्वीट कॉर्न की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
इसके लिए किसानों को स्वीट कॉर्न की फसल को सामान्य मक्का की फसल से 200 मीटर की दूरी पर लगाना चाहिए या दो फसलों के बीच 15 से 20 दिन का अंतर रखना चाहिए। इससे दोनों फसलों का एक साथ परागण नहीं हो पाएगा और हमारी स्वीट कॉर्न की फसल की गुणवत्ता भी बनी रहेगी।