Maize Cultivation: इस विधि से करें फसल की सिंचाई, होगी बंपर कमाई
Maize Cultivation: कन्नौज के किसान आलू के मौसम के ठीक बाद बहुत सारा मक्का लगाते हैं। चूँकि मक्का को सबसे ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है, इसलिए किसान मक्का उत्पादन (Farmer Producing Corn) के लिए बागवानी विभाग के इस कार्यक्रम का उपयोग करके अपने पानी के उपयोग का 40 से 50 प्रतिशत बचा सकते हैं। जब किसान अपनी आय में इस बचत को जोड़ेंगे तो उन्हें इससे काफ़ी फ़ायदा होगा।

फसल की उपज और गुणवत्ता में भी काफ़ी बदलाव आएगा, चाहे उसे ज़रूरत के मुताबिक पानी मिले या नहीं। उसके बाद किसानों को उपज का अच्छा दाम मिलेगा।
जायद मक्का को कितना पानी चाहिए
जायद मक्का की फसल को अपने बढ़ते मौसम के दौरान 500-600 मिमी पानी की ज़रूरत होती है। हालाँकि, मिट्टी के प्रकार, मौसम और सिंचाई प्रभावशीलता सहित कई कारक इस बात को प्रभावित करते हैं कि कितने पानी की ज़रूरत है।
आप इसका फ़ायदा कैसे उठाएँगे?
बागवानी विभाग प्रति बूंद अधिक फसल कार्यक्रम के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर (Drip and Sprinkler) प्रदान करता है। चूँकि यह फसल की ज़रूरत के मुताबिक पानी देता है, इसलिए मिनी स्प्रिंकलर मक्का की फसलों के लिए विशेष रूप से मददगार है। इसके अलावा, यह फव्वारे के माध्यम से पानी उपलब्ध कराता है। ड्रिप सिस्टम के कई फायदे भी हैं। इस तरह से कम से कम 30 से 60 प्रतिशत पानी बचाया जा सकता है।
ये सुझाव सभी किसानों को अपनाने चाहिए
आजकल किसान मक्का उगाने के लिए पानी का लापरवाही से इस्तेमाल करते हैं। उदाहरण के लिए, हमारी फसल भी कुछ ऐसी ही है: अगर किसी को एक गिलास पानी चाहिए तो वह एक गैलन पानी पी लेगा। इससे उसे फायदा होगा या नुकसान? फसल को बहुत ज़्यादा पानी नहीं देना चाहिए। क्योंकि फसल की जड़ों के लिए हवा का संचार भी ज़रूरी है। साथ ही, बहुत ज़्यादा पानी फसल को हवा सोखने से रोकता है। इससे खाद की मात्रा और गुणवत्ता (Quantity and Quality) पर असर पड़ता है। ऐसे में किसान बागवानी विभाग की ड्रिप और स्प्रिंकलर प्रणाली का इस्तेमाल करके कम पानी का इस्तेमाल करके अच्छी फसल तैयार कर सकते हैं, जिससे फसल को ज़रूरत के मुताबिक पानी मिल सके।