Ladyfinger Farming: गर्मियों में भिंडी की खेती के लिए अपनाएं ये जरूरी टिप्स, किसानों को होगी खूब कमाई
Ladyfinger Farming: गर्मी आते ही बाजार में ताज़ी और हरी भिंडी की भरमार हो जाती है। हर किसी के खाने में भिंडी शामिल होती है, चाहे पराठे हों या दाल-चावल। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि स्वादिष्ट सब्जी (Delicious Vegetable) होने के अलावा भिंडी के और भी कई काम हैं? वैसे तो इसे सब्जी के तौर पर खाया जाता है, लेकिन इसके तने और जड़ों से चीनी और गुड़ साफ किया जाता है। इसके अलावा, इसके रेशेदार डंठल कपड़ा और कागज उद्योग के लिए फायदेमंद होते हैं।

गर्मियों में भिंडी की खेती किसी भी व्यक्ति के लिए एक आकर्षक उद्यम हो सकता है जो खेती में रुचि रखता है या पहले से ही खेती कर रहा है। हालांकि, इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों को याद रखना चाहिए।
यह तभी सफल होगा जब तापमान उपयुक्त होगा
चूंकि भिंडी गर्मियों की फसल है, इसलिए 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान आदर्श माना जाता है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर तापमान 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है तो पौधे के फूल मुरझाने लगते हैं, जिसका उत्पादन पर असर पड़ता है। गर्मियों के दौरान भिंडी औसतन प्रति हेक्टेयर 50 क्विंटल और बारिश के मौसम में 100 क्विंटल तक उत्पादन कर सकती है।
सबसे महत्वपूर्ण चरण पिच की तैयारी
उच्च उपज (High Yield) के लिए, खेत की तैयारी महत्वपूर्ण है। भिंडी दोमट मिट्टी पर सबसे अच्छी तरह से उगती है जिसमें कार्बनिक और भुरभुरी सामग्री अधिक होती है।
खेती शुरू करने से पहले जमीन को तीन या चार बार समतल और जोता जाना चाहिए। सिंचाई की सुविधा के लिए, गर्मियों के दौरान खेत को क्यारियों में विभाजित करना फायदेमंद होता है।
खाद की चर्चा करते समय प्रति हेक्टेयर 120 से 200 क्विंटल गोबर की खाद डालें। इसके अतिरिक्त, मिट्टी में 50 किलोग्राम नाइट्रोजन, 50 किलोग्राम फॉस्फोरस और 50 किलोग्राम पोटाश डालें। बीज बोने के एक महीने बाद 50 किलोग्राम नाइट्रोजन डालकर उपज को और बढ़ाया जा सकता है।
बीज बोते समय यह अंतर बनाए रखें
भिंडी लगाते समय, दूरी पर पूरा ध्यान दें। गर्मियों के दौरान, पौधों के बीच 12 से 15 सेमी की दूरी होनी चाहिए, और पंक्तियों के बीच 30 सेमी की दूरी होनी चाहिए। गीले मौसम के दौरान यह दूरी क्रमशः 45 से 60 सेमी और 30 से 45 सेमी होनी चाहिए।
देखभाल और सिंचाई
गर्मियों में मिट्टी की नमी बनाए रखने के लिए, हर पाँच से छह दिन में सिंचाई करनी चाहिए। बारिश के मौसम में सिंचाई केवल तभी करनी चाहिए जब ज़रूरी हो। खरपतवारों (Weeds) को नियंत्रण में रखने के लिए, कभी-कभी निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।
लाभ और कड़ी मेहनत
भिंडी की खेती निस्संदेह श्रम-प्रधान है, लेकिन सही दृष्टिकोण और ध्यान से, इस श्रम को वित्तीय लाभ में बदला जा सकता है। स्वादिष्ट सब्ज़ियाँ पैदा करने के अलावा, यह कंपनियों के लिए कच्चा माल (Raw Material) भी प्रदान करती है। भिंडी एक शानदार हरी सब्जी है जो स्वाद, स्वास्थ्य और आय को जोड़ती है, इसलिए यदि आप इस गर्मी में खेती करने का इरादा रखते हैं, तो यह आपकी पहली पसंद होनी चाहिए।