AGRICULTURE

Kalanamak Rice Farming: इस चावल की करें खेती, कीमत जान रह जाएंगे दंग

Kalanamak Rice Farming: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर क्षेत्र में किसान इस समय कालानमक धान उगा रहे हैं। काला नमक चावल की क्या खासियत है? इस विषय पर मीडिया टीम ने कृषि विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप बिसेन से बात की। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि खीरी जिले के किसान काला नमक धान की खेती करने लगे हैं, क्योंकि बाजारों में इसकी मांग बहुत ज्यादा है। यह धान देर से पकता है, लेकिन इसकी खुशबू इसकी खासियत है।

Kalanamak rice farming

यह चावल की सबसे अच्छी किस्म है।

बाजार में कई तरह के चावल उपलब्ध हैं, जिनमें से हर एक की अपनी अलग खूबियां हैं। काला नमक चावल एक तरह का अनोखा चावल है। यह चावल अपने अलग स्वाद और खुशबू के कारण खास है। हालांकि, एक किलोग्राम चावल की कीमत आमतौर पर 100 से 150 रुपये के बीच होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह इसकी कम पैदावार है। इसकी कीमत इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि इसकी आपूर्ति इसकी मांग के अनुरूप नहीं है। ऐसा कोई चावल नहीं है, जो काला नमक चावल के स्वाद और खुशबू के बराबर हो।

कालानमक चावल (Kalanamak Rice) इतना अनोखा क्यों है

काला नमक चावल उगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जगहों का इस्तेमाल इस चावल को उगाने के लिए भी किया जा सकता है। लखीमपुर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र अब किसानों को काला नमक धान के बारे में शिक्षित कर रहा है।  कृषि विज्ञान केंद्र भी काला नमक धान की खेती कर रहा है। दिसंबर के पहले सप्ताह में यह धान पक जाता है। यह भी एक कारण है कि कालानमक चावल इतना अनोखा क्यों है।

यह चावल अपनी खुशबू के लिए दुनिया भर में मशहूर है और इसे भगवान बुद्ध का प्रसाद कहा जाता है। हालांकि, इसका उत्पादन अन्य चावलों की तुलना में कम है, लेकिन प्रति हेक्टेयर सिर्फ 1.5 से 2 टन उत्पादन होता है।

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