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Green Chilli Crop: लीफ कर्ल वायरस से फसल को बचाने के लिए शुरूआत में ही करें ये जरूरी उपाय

Green Chilli Crop: सर्दियों के मौसम में किसान हरी मिर्च (Green Chilli) की खेती बहुत अधिक मात्रा में करते हैं। हरी मिर्च उगाने से किसानों को कम समय में अच्छी पैदावार मिलती है, लेकिन लीफ कर्ल वायरस फसल के लिए गंभीर खतरा बन जाता है। नतीजतन, किसानों की फसल को काफी नुकसान होता है। फसल को स्वस्थ रखने के लिए, लीफ कर्ल वायरस से बचाव के लिए शुरुआत में ही उचित सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।

Green chilli crop
Green chilli crop

जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक के अनुसार, हरी मिर्च में लीफ कर्ल वायरस एक व्यापक और खतरनाक बीमारी है, जो मिर्च की फसल को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। जब मिर्च के पौधों की पत्तियां इस वायरस (Virus) से ग्रसित होती हैं, तो वे मुड़ जाती हैं, सिकुड़ जाती हैं और पीली पड़ जाती हैं। नतीजतन, पौधे का विकास रुक जाता है और कम फल लगते हैं। हरी मिर्च में लीफ कर्ल वायरस के संचरण का मुख्य वाहक सफेद मक्खी कीट (white fly pest) है। इस कीट द्वारा वायरस एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है। ऐसी परिस्थितियों में सफेद मक्खी के संक्रमण को रोकना बहुत जरूरी है।

सफेद मक्खियों से बचें

लीफ कर्ल वायरस से बचने के लिए हरी मिर्च के पौधों को विकसित करते समय सावधानी बरतना बहुत जरूरी है। पौधे को सफ़ेद मक्खियों से सुरक्षित रखने और उसके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए, इसे जाली से ढके हुए बिस्तर पर उगाएँ। इसके अलावा, अगर हरी मिर्च बोने के बाद लीफ कर्ल वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो प्रभावित पौधे को हटा दें और उसे तुरंत मार दें ताकि वायरस को सफ़ेद मक्खियों द्वारा दूसरे पौधों में फैलने से रोका जा सके।

यह दवा लगाएँ।

अगर सभी ज़रूरी सावधानियाँ बरतने के बाद भी हरी मिर्च के पौधों में लीफ कर्ल वायरस के लक्षण दिखाई देते हैं, तो सफ़ेद मक्खियों से निपटने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जा सकता है। मोनोक्रोटोफ़ॉस या इमिडाक्लोप्रिड (Monocrotophos or Imidacloprid) ऐसे रासायनिक कीटनाशक हैं जिनका किसानों को इस्तेमाल करना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप लीफ कर्ल वायरस ले जाने वाली सफ़ेद मक्खी नष्ट हो जाएगी।

वायरल महामारी अब Green Chilli पौधों में नहीं फैलेगी।

नीम का तेल भी अच्छा काम करता है। किसान पारंपरिक कीटनाशकों के स्थान पर जैविक तरीकों का उपयोग करना भी चुन सकते हैं। नीम के तेल को पानी में मिलाकर किसानों को मिर्च के पौधों पर छिड़कना चाहिए। इसके परिणामस्वरूप, लीफ कर्ल वायरस ले जाने वाली सफ़ेद मक्खी नष्ट हो जाएगी।

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