Gardening Tips: घर के गमले में बेल उगाने का जानें सही तरीका
Gardening Tips: उत्तराखंड के बागेश्वर जैसे पहाड़ी इलाकों में कई तरह के औषधीय पौधे उगाए जाते हैं। इन पौधों के कई स्वास्थ्य लाभ हैं। इनमें से एक है आकाश बेल। पर्यावरण विद किशन मालदा ने अपने बागेश्वर के बगीचे में इसे सफलतापूर्वक उगाया है। आकाश बेल की खासियत है कि यह बिना जड़ के उगती है। फलने-फूलने के लिए इसे दूसरे पौधे की मदद की जरूरत होती है। यही पौधा इसे भोजन और दूसरे पोषक तत्व देता है। आकाश बेल कई बीमारियों को ठीक कर सकती है।
Gardening में इन बातों का रखें ध्यान
पर्यावरणविद किशन मालदा (Environmentalist Kishan Malda) मीडिया को बताते हैं कि आकाश बेल को उगाने के लिए कई अहम बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है। हर दिन बेल की देखभाल करनी चाहिए। बेल को किसी उपयुक्त पेड़ या झाड़ी का सहारा देना चाहिए। तभी आकाश बेल सही तरीके से विकसित हो पाएगी। बेल को उगाने के लिए घर के बगीचे में एक कंटेनर का इस्तेमाल करें। जहां पहले कोई मजबूत पौधा लगाया गया हो। पौधे को आकाश बेल के चारों ओर लपेट दें। बेल धीरे-धीरे खुद ही फैल जाएगी।
दूसरे पौधों को भोजन के तौर पर इस्तेमाल करेगी।
पौधा बेल को भोजन और जरूरी पोषक तत्व देगा। पौधे की नमी और पोषण से बेल अपने आप विकसित होती है। बेल प्राकृतिक रूप से बढ़ती है। करीब दो से तीन महीने बीत जाते हैं। जब बेल स्वस्थ रूप से विकसित होती है तो उसी पौधे पर और बेलें पैदा होती हैं। बेल छह महीने से लेकर एक साल तक पौधे को पूरी तरह से घेरे रहती है। कंटेनर में इसकी शाखाएँ धीरे-धीरे बढ़ती हैं। अगर आप चाहें तो बेल को कंटेनर से निकाल कर पेड़ के चारों ओर लपेट सकते हैं जब वह लंबा और मजबूत हो जाए। इसके परिणामस्वरूप आपको ज़्यादा आकाश बेल मिल जाएगी।
इस बेल के कई फ़ायदे हैं।
आयुर्वेद के अनुसार आकाश बेल बहुत फ़ायदेमंद है। इसके अलावा, बेल का इस्तेमाल कई तरह के घरेलू उपचारों में किया जाता है। ज़्यादातर बेल का इस्तेमाल गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है। गंजेपन के इलाज के लिए सिर पर बेल का लेप लगाया जाता है। बेल के चूर्ण को पानी में मिलाकर भी पिया जा सकता है। बेल रूसी को कम करने और बालों की चमक बढ़ाने में मदद करता है। इंटरनेट पर बेल से बनी कई चीज़ें भी मौजूद हैं। आकाश बेल से मधुमेह, मोटापा, संक्रमण, कब्ज और बवासीर सभी ठीक हो सकते हैं।