AGRICULTURE

Cultivation of Nari : न खाद की जरूरत न दवा की, इस फसल की खेती से हर महीने कमाएं 50 हजार

Cultivation of Nari : पिछले कई सालों से खेतों में हो रहे नुकसान से परेशान किसानों ने कृषि चक्र में काफी बदलाव किया है। अब वे सिर्फ Paddy and wheat की फसल पर निर्भर नहीं हैं। अब जैविक खेती के जरिए कम जमीन पर सब्जियां उगाई जा रही हैं, जो परंपरागत खेती से अलग है।

Cultivation-of-nari. Jpeg

लागत कम करने के साथ-साथ इस नई तकनीक से पहले से ज्यादा उत्पादन हो रहा है। किसान सिंचाई के जरिए ही उच्च गुणवत्ता वाली फसल पैदा कर पा रहे हैं, खास तौर पर नारी फसल में, जिससे उनकी आय में काफी सुधार हो रहा है।

नारी खेती: कम मेहनत, ज्यादा पैदावार

उस्मानगंज के कमालगंज मोहल्ले में रहने वाले किसान प्रवीण ने बताया कि नारी उगाना आसान है। इसके पौधे जल्दी विकसित होते हैं और इसके लिए कम से कम मेहनत की जरूरत होती है। इससे हर आठ दिन में खेत से नारी बिक जाती है, जिससे किसान हर महीने 50,000 रुपये तक कमा लेते हैं। प्रवीण के मुताबिक, वे अपनी नारी फसल में organic fertilizer का इस्तेमाल करते हैं, जिससे यह बीमारी के प्रति कम संवेदनशील होती है और इसके लिए अतिरिक्त पैसे की जरूरत नहीं होती।

जैविक खेती के लिए एक नया तरीका

किसान प्रवीण के अनुसार, वह अपनी ज़मीन पर मवेशी पालता है और उनसे मिलने वाली जैविक खाद का इस्तेमाल फसलों में करता है। इससे उसका खर्च कम होता है और फसल की पैदावार भी बढ़ती है। वह नारी फसल तैयार करने के लिए पौधों के विकसित होने का इंतज़ार करते हुए एक महीने पहले ही खेत में बीज डाल देता है। नर्सरी और दुकानों में भी ये पौधे आसानी से मिल जाते हैं।

नारी कृषि तकनीक

नारी फसल तैयार करने के लिए किसान ज़मीन को समतल करता है और फिर उसमें जैविक खाद डालता है। इसके बाद वह क्यारियाँ तैयार करता है, उन्हें पानी देता है और बीज बोता है। जैसे-जैसे पौधे बड़े होते हैं, वह उन्हें काटता है और तुरंत उन्हें बाज़ार में बेच देता है।

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