Cultivation Methods: खेतों में बम्पर पैदावार के लिए फसलों की बुआई से पहले बना ले ये घोल
Cultivation Methods: अगर आप भी अपनी फसल लगाने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए है। आप अपनी फसल को बोने से पहले कीटों से बचाने के लिए घरेलू तरीके (Home Methods) अपना सकते हैं। साथ ही आप पैदावार को दोगुना कर सकते हैं। सरकार की ओर से जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों को फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए जैविक खेती (Organic Farming) के बारे में शिक्षित किया जा रहा है। खानपुर के किसान योगेंद्र सिंह बीज अमृत तकनीक से बीजों को शुद्ध करने के बाद बो रहे हैं। योगी सरकार के प्रयास के जवाब में वे गांव में जाकर किसानों को बीज अमृत की खेती के बारे में भी बता रहे हैं।
किसान ने खेती (Cultivation) पर चर्चा की।
मीडिया से बात करने वाले किसान योगेंद्र सिंह के मुताबिक किसान तुरंत बीज बो रहे हैं। बीज अमृत तकनीक का इस्तेमाल न करने से पैदावार कम होती है और कीटों से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका रहती है। किसानों को 20 लीटर पानी, 5 लीटर गोमूत्र, 5 किलो ताजा गाय का गोबर, 50 ग्राम बुझा हुआ चूना और बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मुट्ठी भर मिट्टी को मिलाकर 100 किलो बीज उपचार का घोल बनाना चाहिए। फिर 12 घंटे बाद बीजों को चटाई पर रखकर घोल से छिड़क दें। इसके बाद जब फसलें लगाई जाएंगी तो उपज क्षमता बढ़ेगी।
फसलें अच्छी तरह अंकुरित होंगी।
किसान योगेंद्र के अनुसार, बीज अमृत फसलों की सुरक्षा के लिए कवच का काम करता है। इसका छिड़काव करने पर फसलें अच्छी तरह अंकुरित होती हैं। किसानों को सरसों या छोटे बीजों का एक किलोग्राम का पैकेट बनाकर घोल में डुबोना चाहिए। अगर किसान खेती कर रहे हैं तो उन्हें यह तरीका अपनाना चाहिए। किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए घरेलू तकनीक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे पैदावार भी अच्छी होगी।