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Coriander Cultivation: धनिया की खेती से कम लागत में बम्पर मुनाफा कमा रहा है यह किसान

Coriander Cultivation: फरीदाबाद के धौज गांव के किसान सरोजुद्दीन दो एकड़ में धनिया उगाकर अपने परिवार का गुजारा करते हैं। यह फसल बाजार में सैकड़ों के भाव से बिकती है और सर्दियों में बोई जाती है।

Coriander cultivation
Coriander cultivation

धनिया (Coriander) की खेती की प्रक्रिया

किसान सिराजुद्दीन के अनुसार, धनिया उगाने के लिए खेत की दस से पंद्रह बार जुताई करनी पड़ती है। इसके बाद गोबर जैसी स्थानीय खाद डाली जाती है। फसल की वृद्धि को बेहतर बनाने के लिए डीएपी, यूरिया और जिंक जैसी रासायनिक खादों का भी इस्तेमाल किया जाता है। खेत को बनाए रखने के लिए यह पूरा काम काफी समय लेने वाला और ऊर्जा-गहन है।

बाजार भाव और लेन-देन

फरीदाबाद के बाजार में धनिया की फसल का भाव सैकड़ों में है। लेकिन इस मामले में भाव हमेशा उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। उदाहरण के लिए, अगर उत्पाद 2, 3 या 4 रुपये में बिकता है तो किसान को बड़ा मुनाफा होता है; लेकिन, अगर कीमत 1 रुपये या उससे कम है तो नुकसान हो सकता है। ऐसे में किसान को नुकसान उठाना पड़ता है और उसकी मेहनत बेकार जाती है। सिराजुद्दीन के अनुसार, जब रेट अधिक होता है तो लाभ होता है, लेकिन जब रेट कम होता है तो चुनौतियां अधिक होती हैं।

किराया और लागत

धनिया उगाना भी काफी महंगा है। सिराजुद्दीन का दावा है कि पूरा खर्च बीस से पच्चीस हजार रुपये के बीच आता है। इसके अलावा, चूंकि जमीन पट्टे पर ली गई थी, इसलिए प्रति एकड़ 30,000 रुपये का वार्षिक किराया देना पड़ता है। इसके बावजूद, वे अपनी खेती से होने वाले पैसे का एक बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं, लेकिन यह उनकी आय का मुख्य स्रोत है और इसी से वे अपना जीवन यापन करते हैं।

धौज गांव के किसान सिराजुद्दीन के अनुसार, धनिया उगाना एक कठिन लेकिन जरूरी काम है। फिर भी, उनके लिए सबसे बड़ी चिंता उचित लागत को नियंत्रित करना और फसल की बिक्री के लिए सर्वोत्तम मूल्य प्राप्त करना है।

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