Chilli farming: मिर्च की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार दे रही है अनुदान, ऐसे उठाएं लाभ
Chilli farming: बिहार के खगड़िया में मिर्च की खेती बड़े पैमाने पर संभव है। इसके लिए सरकार किसानों को सब्सिडी भी देती है। मिर्च की खेती के लिए सब्सिडी मिलना किसानों के लिए वरदान से कम नहीं है। सब्सिडी के जरिए किसानों को आर्थिक मदद मिलती है, जिससे खेती की लागत कम होती है और उत्पादन बढ़ता है। साथ ही, उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार अपने स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले बीजों पर सब्सिडी दे रही है।
इसी को देखते हुए बिहार के बागवानी विभाग ने हाल ही में मिर्च की खेती के लिए खगड़िया जिले को चुना है। यहां किसानों को मिर्च की खेती के लिए सब्सिडी मिलेगी। मिर्च की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए सरकार किसानों को आर्थिक मदद दे रही है। इसके तहत किसानों को हर पौधे पर हाइब्रिड मिर्च उगाने के लिए सब्सिडी मिलेगी।
मिर्च (Chilli) की खेती के लिए 35 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
कार्यक्रम के बारे में बताते हुए खगड़िया जिले के सहायक बागवानी विशेषज्ञ यशवंत कुमार ने बताया कि जिले का 35 हेक्टेयर में मिर्च उगाने का लक्ष्य पूरा हो गया है। एक हेक्टेयर के लिए 300 किलो बीज की जरूरत होती है, जिसकी सरकारी अनुमान के अनुसार कीमत 13,500 रुपये होगी।
ऐसे में किसानों को 75 फीसदी सब्सिडी मिलेगी।
किसानों को लागत का 25 फीसदी भुगतान करना होगा। किसान इस योजना का लाभ उठाने के लिए अपने नजदीकी जिला बागवानी कार्यालय या प्रखंड बागवानी अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
ऑनलाइन आवेदन करने के लिए इस पेज का इस्तेमाल करें।
आपको बता दें कि इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। अगर किसान के पास खेत की रसीद नहीं है तो आवेदन प्रक्रिया के दौरान सरपंच द्वारा बनाई गई वंशावली उपलब्ध करानी होगी। किसानों को डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण के बाद अपनी तस्वीर के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
बाजार भाव के हिसाब से एक किलो मिर्च की कीमत 50 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, किसानों की अधिक पैदावार के कारण इसकी कीमत 30 रुपये भी हो सकती है। किसानों के अनुसार, यह योजना सफल हो सकती है बशर्ते मिर्च की खेती तभी की जाए जब मिर्च के लिए बाजार स्थापित हो जाए।