Chilli Cultivation: तगड़े मुनाफे के लिए मिर्च की इस किस्म की खेती करें किसान
Chilli Cultivation: औरंगाबाद क्षेत्र के किसानों के लिए सब्जी की बागवानी आय का एक प्रमुख स्रोत है। जिले के चार मुख्य ब्लॉकों कुटुंबा, बारुण, नबीनगर और ओबरा में बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती की जाती है। यहां किसान पारंपरिक खेती करने के बजाय सब्जियां उगाना पसंद करते हैं। हालांकि, कुटुंबा ब्लॉक के रिश्यप गांव के किसान कृष्ण कुमार मेहता एक एकड़ में मिर्च उगाते हैं।
हर कट्ठा में दस हजार डॉलर का मुनाफा
किसान कृष्ण मेहता के मुताबिक, वे पिछले पांच सालों से सब्जियां उगा रहे हैं, लेकिन मिर्च उगाने से उन्हें दूसरी सब्जियों की तुलना में दोगुना से भी ज्यादा फायदा होता है। किसान के मुताबिक, 15 कट्ठा में सिर्फ मिर्च उगाने के बाद उन्हें हर कट्ठा में 10,000 का मुनाफा होने लगा। किसान ने बताया कि इससे होने वाले आर्थिक लाभ को देखते हुए उन्होंने जमीन लीज पर ली और एक एकड़ में 60/13 किस्म की मिर्च लगाई।
जमीन लीज पर लेने की कीमत 15,000 रुपये प्रति बीघा होगी।
आपको बता दें कि इलाके के किसान बड़े पैमाने पर सब्जियां उगाने के लिए जमीन पट्टे पर ले रहे हैं। किसान के मुताबिक, इलाके के किसानों को अब एक साल के लिए पट्टे पर ली गई जमीन के लिए 15,000 रुपये तक मिल रहे हैं। वहीं, जगह के हिसाब से पट्टे की दरें अलग-अलग हैं।
साल में तीन बार होगी मिर्च (Chilli) की खेती
आपको बता दें कि इस तरह की मिर्च साल में तीन बार उगाई जाती है। किसान इसे सबसे पहले मार्च, जून और जुलाई में उगाते हैं और फिर पतझड़ के मौसम में सितंबर और अक्टूबर में उगाते हैं। वहीं, इसे तैयार करने में करीब पैंतालीस दिन लगते हैं। किसान कृष्ण मेहता के मुताबिक, मिर्च उगाने में प्रति एकड़ करीब 25,000 डॉलर का खर्च आता है और यह 120 रुपये प्रति किलो तक बिकती है। किसान को प्रति कट्ठा 10,000 रुपये का अच्छा-खासा मुनाफा होता है।