AGRICULTURE

Chilli Cultivation: इस चीज की खेती किसानों के ऊपर करेगी नोटों की बारिश

Chilli Cultivation: औरंगाबाद क्षेत्र में लंबे समय से रोजाना गोलियों की तड़तड़ाहट और नक्सलियों के खौफ से परेशान किसानों ने धीरे-धीरे फल और सब्जियां उगाना शुरू कर दिया है। घोर नक्सल प्रभावित देव प्रखंड में दर्जनों किसान बड़े पैमाने पर मिर्च की खेती करते हैं। जिले के देव प्रखंड के दुलारे गांव के किसान विजेंद्र यादव पांच बीघे में सिर्फ मिर्च की खेती करते हैं। किसान विजेंद्र यादव के मुताबिक मिर्च की खेती से कमाई तीन गुना बढ़ जाती है।

Chilli cultivation
Chilli cultivation

मिर्च (Chilli) की पूरे साल मांग रहती है।

झारखंड के डाल्टनगंज में उनके साले बड़े पैमाने पर सब्जियां उगाते हैं। उन्होंने मिर्च उगाने की सलाह दी। इसके बाद पांच बीघे में इसकी खेती शुरू हुई। 40-45 दिन में यह तैयार हो जाती है। बता दें कि किसान पिछले पांच साल से मिर्च की खेती कर रहे हैं। इसे साल में तीन बार उगाया जाता है। फरवरी-मार्च, जून-जुलाई और सितंबर-अक्टूबर में इसकी खेती होती है। इसे तैयार होने में करीब चालीस से पैंतालीस दिन लगते हैं। मिर्च की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी आदर्श मानी जाती है। इसमें सब्जी की पैदावार बहुत अच्छी होती है।

सालाना 7 लाख रुपए की आमदनी

किसान विजेंद्र यादव के अनुसार मिर्च की खेती में प्रति एकड़ करीब 25 हजार रुपए का खर्च आता है। 200 ग्राम मिर्च के बीज से प्रति एकड़ करीब 150-160 क्विंटल मिर्च पैदा होती है। इससे किसान को सालाना करीब 6 लाख रुपए का मुनाफा होता है। बता दें कि यह मिर्च जिले की मंडी समेत आसपास के कई जिलों में भेजी जाती है।

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