Capsicum cultivation: सर्दियों में इस सब्जी की खेती से छतरपुर के किसान कमा रहे हैं तगड़ा मुनाफा
Capsicum cultivation: मध्य प्रदेश के छतरपुर के किसानों ने एक अनोखी फसल का प्रयोग किया है। किसान अब इस फसल की खेती करके पैसे कमा रहे हैं। मीडिया से बात करने वाले किसान सत्यजीत कुशवाह के अनुसार, इस क्षेत्र में अभी तक शिमला मिर्च की खेती नहीं की गई है। पहले बहुत कम किसान इसकी खेती करते थे। लेकिन, अब इसकी खेती करने वाले किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस महीने पौधे रोपे जा रहे हैं। सत्यजीत के अनुसार, शिमला मिर्च के पौधे जुलाई में रोपे जाते हैं।
लेकिन, इसकी कटाई अभी हो रही है। रोपाई करते समय पौधों के बीच 1.5 फीट और पंक्तियों के बीच 1 मीटर का अंतर रखें। इस तरह की मिट्टी उपयुक्त है। सत्यजीत के अनुसार, छतरपुर में काली और दोमट मिट्टी है। इसके अलावा, दोमट और काली मिट्टी का मिश्रण देखने को मिलता है।
हमारे उद्योग में, हमारे पास कई तरह की किस्में हैं।
शिमला (Capsicum) मिर्च उगाने के लिए काली मिट्टी अच्छी रहती है। लेकिन, मिट्टी जितनी ही जलवायु भी महत्वपूर्ण है। हालांकि, यहां इसे सर्दियों में उगाया जा सकता है, लेकिन यहां का वातावरण शिमला मिर्च की खेती के लिए अनुकूल नहीं है।
समय पर छिड़काव जारी रखें।
किसानों के अनुसार, आठ दिनों में कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। तोड़ने के तुरंत बाद कीटनाशकों का छिड़काव करें। आठ दिनों के बाद कीटनाशकों का छिड़काव करें। इस प्रकार शिमला मिर्च का उत्पादन अधिक होता है। सत्यजीत के अनुसार, एक पौधे से अभी 2.5 किलो शिमला मिर्च मिल सकती है। आठ दिनों के बाद 2.5 किलो शिमला मिर्च और मिल जाएगी। इसके अलावा, बाजार में शिमला मिर्च की उचित कीमत है। एक किलो शिमला मिर्च की कीमत 60 से 80 रुपये के बीच है।